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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 30 अगस्त 2023 (10:51 IST)

weather update : मानसून पर अल नीनो की मार! इस बार 122 सालों में सबसे सूखा रहा अगस्त, 33% कम हुई बारिश, बढ़ा यह खतरा

weather update : मानसून पर अल नीनो की मार! इस बार 122 सालों में सबसे सूखा रहा अगस्त, 33% कम हुई बारिश, बढ़ा यह खतरा - el nino effect india may see driest august since 1901 as monsoon rainfall reduced
weather update : क्या देश पर सूखे का खतरा मंडरा रहा है। देश में अगस्त में 122 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में 1901 के बाद से इस वर्ष अगस्त के सबसे अधिक शुष्क रहने का अनुमान है और यह स्पष्ट रूप से अल नीनो स्थितियों के तीव्र होने का नतीजा है।
 
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस साल का मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क हो सकता है, जिसमें 13 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि अगस्त में अब तक 32 प्रतिशत बारिश की कमी और अगले तीन दिन में देश के एक बड़े हिस्से में बारिश की कम गतिविधियां होने के अनुमान के साथ, भारत 1901 के बाद से सबसे शुष्क अगस्त दर्ज किए जाने की राह पर है।
 
अगस्त में 254.9 मिमी बारिश होती है, जो मानसून के मौसम के दौरान होने वाली बारिश का लगभग 30 प्रतिशत है।
 
कब कितनी बारिश : मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत; 1920 में 24.4 प्रतिशत; 2009 में 24.1 प्रतिशत और 1913 में 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई।
 
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के निकट प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) के अलावा ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (एमजेओ) का प्रतिकूल चरण है।
 
एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है।
 
अल नीनो आमतौर पर भारत में कमजोर होती मानसूनी हवाओं और शुष्क मौसम से जुड़ा है।
 
महापात्र ने कहा कि एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण कम दबाव प्रणाली न होने पर भी बारिश होती है। एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
 
दक्षिण चीन सागर के ऊपर विकसित होने वाली कम दबाव वाली प्रणालियां आमतौर पर पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, वियतनाम और थाईलैंड को पार करने के बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि सितंबर के अगस्त जितना खराब रहने की उम्मीद नहीं है।
 
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि अगस्त में भारी बारिश की कमी का मुख्य कारण अल नीनो है।

केरल में लौटा बारिश का दौर : केरल में करीब एक माह के बाद फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है और भारत मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से हल्की बारिश का अनुमान जताया है।
 
मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा और एर्नाकुलम जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश की संभावना है।
 
विभाग ने यह भी कहा कि कोट्टायम, पथनमथिट्टा, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।
 
राज्य में एक महीने से अधिक अंतराल के बाद बारिश का दौर लौटा है। इस साल मॉनसून के सीजन में कम बारिश दर्ज की गई है।
 
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल एक जून से 29 अगस्त तक मानसून सीजन में 48 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।
 
कम बारिश के चलते कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है और इसके परिणामस्वरूप बिजली उत्पादन में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसा इसीलिए क्योंकि कई जल-विद्युत बांधों को अपने जलाशयों में पानी संरक्षित करना पड़ा है।
 
कम बारिश के कारण राज्य में कई स्थानों पर पानी की कमी हो गई और कुएं तक सूख गए हैं।एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma