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Last Modified: गुरुवार, 24 सितम्बर 2020 (23:14 IST)

India-China standoff: भारत ने कहा- जमीनी स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी, चीन के साथ कमांडर्स की मीटिंग जल्‍द

India-China standoff: भारत ने कहा- जमीनी स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी, चीन के साथ कमांडर्स की मीटिंग जल्‍द - East Ladakh India-China India-China standoff
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा संबंधी गतिरोध को दूर करने के लिए चीन के साथ सैन्य वार्ता के दो दिन बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि आगे का रास्ता यह होगा कि यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज किया जाए और दोनों पक्ष संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए वार्ता जारी रखें।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि सैनिकों का पीछे हटना एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें आपस में सहमत ‘पारस्परिक कदम’ उठाने की जरूरत होगी। आगे का रास्ता यह होगा कि यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज किया जाए।
श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के ढांचे के तहत अगली बैठक के जल्द होने की संभावना है। ऐसा माना जाता है कि यह वार्ता कोर कमांडर स्तर की अगले दौर की बातचीत से पहले होगी।
 
श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्ष संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूर्ण रूप से पीछे हटने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी के साथ यह भी जरूरी है कि जमीनी स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक को इसके संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच छठे दौर की वार्ता सोमवार को हुई जिसमें दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर गहराई से विचारों का अदान-प्रदान किया। इसमें दोनों पक्ष सीमा पर और अधिक सैनिक न भेजने, आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत और चीन के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की छठे दौर की वार्ता के बाद दोनों देशों की सेनाओं द्वारा मंगलवार देर शाम जारी किए गए अपने तरह के पहले संयुक्त बयान का जिक्र किया।
 
उन्होंने कहा कि जैसा कि हम पहले उल्लेख कर चुके हैं कि सैनिकों को पीछे हटाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें दोनों पक्षों को एलएसी के अपनी-अपनी तरफ नियमित चौकियों पर सैनिकों की पुन: तैनाती की जरूरत होगी। इसके लिए पारस्परिक सहमति वाली कार्रवाई की आवश्यकता होगी। श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि बैठक ने वरिष्ठ कमांडरों को एलएसी पर स्थिति को स्थिर करने के लिए विचारों के गहन आदान-प्रदान का अवसर दिया।
 
उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता यह होगा कि यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज किया जाए और दोनों पक्ष संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए वार्ता जारी रखें तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में पूर्ण रूप से शांति बहाली सुनिश्चित करें।
 
उन्होंने सैन्य कमांडरों के बीच अगले दौर की बैठक के जल्द होने के निर्णय का भी उल्लेख किया और कहा कि साथ में डब्ल्यूएमसीसी की अगली बैठक भी जल्द होने की संभावना है। प्रवक्ता ने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। (भाषा)
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