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Last Updated : सोमवार, 6 जुलाई 2020 (00:26 IST)

DRDO ने 11 दिन में तैयार किया 1000 बिस्तरों की क्षमता वाला COVID-19 का अस्थाई अस्पताल, शाह-राजनाथ ने किया दौरा

DRDO ने 11 दिन में तैयार किया 1000 बिस्तरों की क्षमता वाला COVID-19 का अस्थाई अस्पताल, शाह-राजनाथ ने किया दौरा - DRDO set up 1000 bedded COVID-19 temporary hospital in 11 days
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए 1,000 बिस्तर वाले नव-निर्मित अस्थायी अस्पताल का रविवार को दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि इस अस्पताल में 250 बिस्तर आईसीयू में हैं। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास रक्षा मंत्रालय की जमीन पर यह अस्पताल महज 12 दिनों के अंदर तैयार किया गया।
 
शाह ने एक ट्वीट में कहा, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ 1000 बिस्तरों वाले सरदार पटेल कोविड अस्पताल का दौरा कियाँ  जिसमें आईसीयू में 250 बिस्तर हैं। डीआरडीओ ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सशस्त्र बलों और टाटा ट्रस्ट की सहायता से 12 दिन के रिकॉर्ड समय में इसे तैयार किया।'
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस दौरान शाह व सिंह के साथ थे। शाह ने कहा कि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा का दल इस अस्पताल का संचालन करेगा जबकि इसके रखरखाव का जिम्मा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का होगा।
 
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस चुनौती पूर्ण समय में दिल्ली के लोगों की मदद के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और यह कोविड अस्पताल एक बार फिर उसी संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने डीआरडीओ, टाटा और सशस्त्र बल चिकित्सा कर्मियों का शुक्रिया अदा किया जो इस मौके पर आगे आए और इस आपदा को संभालने में मदद की।
 
गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्री ने दिल्ली-एनसीआर में कोविड-19 के प्रबंधन और उससे निपटने के तरीकों की समीक्षा के लिए 14 जून से कई बैठकें कीं।
 
बयान में कहा गया कि मोदी सरकार के इन उपायों से रिकॉर्ड समय में 1000 बिस्तरों वाला सरदार पटेल कोविड अस्पताल तैयार किया गया। दिल्ली में अभी कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और मरीजों को चिकित्सा देखभाल की जरूरत है।
 
बयान में कहा गया कि इस अस्पताल का संचालन सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के डॉक्टर, नर्स और सहायक स्टाफ की मेडिकल टीम द्वारा किया जाएगा, जबकि डीआरडीओ इसका रख रखाव करेगा।

अस्पताल में मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा और डीआरडीओ द्वारा प्रबंधित एक मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र भी यहां है। जिला प्रशासन द्वारा यहां भेजे गए मरीजों का मुफ्त में इलाज होगा। गंभीर मामलों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजा जाएगा।

बयान के मुताबिक इस परियोजना को टाटा संस के प्रमुख योगदान के साथ वित्त पोषित किया गया है। इसके अलावा मैसर्स बीईएल, मैसर्स बीडीएल, एएमपीएल, श्री वेंकटेश्वर इंजीनियर्स, ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड और भारत फोर्ज ने भी निर्माण में योगदान किया तथा डीआरडीओ के कर्मचारी स्वेच्छा से इसमें एक दिन के वेतन का योगदान कर रहे हैं।
 
केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, 'डीआरडीओ का 1,000 बिस्तर का कोरोना अस्पताल बनकर तैयार हो गया। दिल्ली वालों की ओर से केंद्र सरकार का शुक्रिया। इसमें 250 बिस्तर आईसीयू में हैं। इसकी दिल्ली में इस वक्त बहुत ज़रूरत है।'
 
विद्युतीकरण का काम रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ :  दुनिया के 'सबसे बड़े' कोविड-19 देखभाल केंद्र में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युतीकरण का काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया। कंपनी के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि डिस्कॉम बीआरपीएल के 100 से अधिक कर्मचारी एवं अधिकारी 22 किलोमीटर लंबा भूमिगत तार बिछाने और 24 ट्रांसफॉर्मर स्थापित करने के लिए 24 घंटे काम में लगे रहे।
 
उन्होंने कहा कि 23 मेगावाट लोड के लिए 22 किलोमीटर लंबा भूमिगत तार बिछाने के साथ ही 24 ट्रांसफॉर्मर लगाए गए। शुरुआत में बीआरपीएल को 18 मेगावाट लोड की बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने को कहा गया था, लेकिन बाद में आवश्यकता को देखते हुए इसे बढ़ाकर 24 मेगावाट कर दिया गया।
 
प्रवक्ता ने कहा कि परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद्देनजर अधिकतर 'ड्राई टाइप' वाले ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं, जिसमें तेल और मरम्मत की कोई आवश्यकता नहीं होती है।