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Last Updated :वॉशिंगटन , शुक्रवार, 23 मई 2025 (23:18 IST)

डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, कोर्ट ने हार्वर्ड में विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक संबंधी फैसले पर लगाई रोक

Donald Trump gets a setback from court
Donald Trump gets a big setback: एक संघीय न्यायाधीश ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) की अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को दाखिला देने की पात्रता को रद्द करने संबंधी ट्रंप प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी है। इस अस्थायी आदेश ने सरकार को छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम में हार्वर्ड के प्रमाणीकरण को रद्द करने से रोक दिया है।
 
इस कार्यक्रम के तहत स्कूल को अमेरिका में अध्ययन करने के लिए वीजाधारक अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी करने की अनुमति दी जाती है। हार्वर्ड ने शुक्रवार को मैसाचुसेट्स में अमेरिकी जिला न्यायालय में मुकदमा दायर किया था। हार्वर्ड ने कहा था- 'अपने विदेशी छात्रों के बिना, हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है’।
 
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को मैसाचुसेट्स जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ 70 से अधिक पृष्ठों का मुकदमा दायर किया था, जिसमें गृह सुरक्षा विभाग, न्याय विभाग और विदेश विभाग के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों के प्रमुखों के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया गया, जिसमें होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी शामिल हैं।
 
याचिका क्या कहा हार्वर्ड ने : विश्वविद्यालय ने अपनी याचिका में कहा कि 70 से अधिक वर्षों से, हार्वर्ड विश्वविद्यालय को संघीय सरकार द्वारा एफ-1 वीजा कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने के लिए प्रमाणित किया गया है और इसे लंबे समय से जे-1 गैर-आप्रवासियों की मेजबानी के लिए विनिमय कार्यक्रम प्रायोजक के रूप में नामित किया गया है।
 
इसमें कहा गया है कि हार्वर्ड ने इस दौरान अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विशेष कार्यक्रम और डिग्रियां विकसित की हैं, ऐसे सबसे प्रतिभाशाली छात्रों की भर्ती के लिए लाखों डॉलर का निवेश किया है तथा अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हार्वर्ड समुदाय के सभी पहलुओं में एकीकृत किया है।
 
7000 से अधिक वीजा धारकों पर असर : हार्वर्ड ने कहा कि गुरुवार को सरकार ने बिना किसी प्रक्रिया या कारण के उस प्रमाणीकरण को अचानक रद्द कर दिया, जिसका हार्वर्ड और 7000 से अधिक वीजा धारकों पर तत्काल और विनाशकारी प्रभाव पड़ा। हार्वर्ड ने कहा कि सरकार ने एक झटके में हार्वर्ड के उस एक चौथाई छात्र-समूह को मिटाने की कोशिश की है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं और जो विश्वविद्यालय और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
 
हार्वर्ड ने कहा कि हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा समर्थित अनगिनत शैक्षणिक कार्यक्रम, शोध प्रयोगशालाएं, क्लीनिक और पाठ्यक्रम तत्काल प्रभाव से अव्यवस्थित हो गए हैं। सरकार की यह कार्रवाई स्नातक होने से कुछ ही दिन पहले आई है। अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है।
 
हार्वर्ड कैनेडी स्कूल पर प्रभाव : इसका प्रभाव हार्वर्ड कैनेडी स्कूल जैसे स्कूल पर सबसे अधिक पड़ेगा, जहां लगभग आधे विद्यार्थी विदेश के हैं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के लगभग एक तिहाई छात्र विदेशी हैं। हार्वर्ड ने कहा कि इससे स्कूल को तुरंत नुकसान होगा क्योंकि उसे दुनिया के शीर्ष छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा करनी होगी। हार्वर्ड कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में अपने परिसर में लगभग 6800 विदेशी विद्यार्थियों को दाखिला देता है। इनमें से ज्यादातर स्नातक छात्र हैं और वे 100 से अधिक देशों से आते हैं।
 
प्रतिबंध का आधार : विभाग ने बृहस्पतिवार को कार्रवाई की घोषणा की, जिसमें हार्वर्ड पर ‘अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों' को परिसर में यहूदी छात्रों पर हमला करने की अनुमति देकर एक असुरक्षित परिसर का माहौल बनाने का आरोप लगाया गया। इसने हार्वर्ड पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय करने का भी आरोप लगाया। हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि विश्वविद्यालय ने पिछले डेढ़ साल में अपने प्रशासन में बदलाव किए हैं, जिसमें यहूदी-विरोधी भावना से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति भी शामिल है।
 
हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारत के 788 छात्र और शोधार्थी हैं। ‘हार्वर्ड ग्लोबल सपोर्ट सर्विसेज’ ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हर साल 500-800 भारतीय छात्र और शोधार्थी हार्वर्ड में अध्ययन करते हैं। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 
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