ई-कॉमर्स कंपनी पर हाईकोर्ट का शिकंजा, नहीं बेच सकेगी नकली सामान
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ई-वाणिज्य कंपनी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके मंच पर बिकने के लिए रखा गया सामान असली हो। अदालत ने ई-वाणिज्य कंपनियों की वेबसाइट पर लोकप्रिय ब्रांड के नकली सामानों की बिक्री पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया है।
न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि ई-कामर्स की दुनिया में ट्रेडमार्क मालिकों के समक्ष चुनौतियां हैं क्योंकि नियमों का उल्लंघन कर उत्पाद बेचने वाले बिक्रेता ई-वाणिज्य मंच की वैधता की आड़ में काम करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जो साइट नकली सामान बेचने जैसे गैर-कानूनी कार्यों में शामिल हैं या उसे बढ़ावा देते हैं अथवा साजिश करते हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता।
न्यायाधीश ने कहा, 'ई-वाणिज्य की दुनिया में बौद्धिक संपदा मालिकों के लिए समय चुनौतीपूर्ण है। इसका कारण नकली सामान बेचने वाले बिक्रेता मंच की वैधता और विश्वनीयता की आड़ में काम करते हैं।'
अदालत ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऑनलाइन बाजार अगर प्राप्त छूट का लाभ लेते रहना चाहते हैं तो उन्हें ध्यान से काम करने की जरूरत है।
पीठ ने ट्रेडमार्क उल्लंघन को लेकर दायर याचिका पर उक्त बातें कही। महिला का जूते-चप्पल का लग्जरी ब्रांड ‘क्रिस्टियान लोबोटिन’ की तरफ से यह याचिका दायर की गयी थी। याचिका में दावा में किया गया था कि भारत में काम कर रही ई-वाणिज्य साइट डारवेज डाट काम कंपनी के नाम पर नकली सामान बेचती है।
याचिकाकर्ता की दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने अन्य बातों के अलावा डारवेज डाटा काम से अपनी वेबसाइट पर विक्रेता के संपर्क के साथ उसके बारे में पूरा ब्योरा देने को कहा।
इसके अलावा ई-वाणिज्य कंपनी को यह भी निर्देश दिया है कि वह विक्रेताओं से यह प्रमाणपत्र प्राप्त करे कि जो सामान वह बेच रही है, पूरी तरह सही है। (भाषा)