नोटबंदी : लोकसभा में क्या बोले राजनाथसिंह
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार नोटबंदी पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन चर्चा के नियम पर फैसला लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन को करना है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी कालेधन के खिलाफ जंग है। सिंह ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में बयान देंगे।
नहीं चला प्रश्नकाल : नोटबंदी के मद्देनजर एकजुट विपक्ष के हंगामे के कारण आज राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दूसरी बार दोपहर 12 बजे फिर तीसरी बार 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सुबह कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 30 मिनट के लिए स्थगित की गई। स्थगन के बाद भी कार्यवाही शुरू होने पर भी सदस्यों के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ और हंगामा करते रहने की वजह से उपसभापति हामिद अंसारी ने कार्यवाही स्थगित कर दी।
स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होने पर फिर से विपक्षी सदस्य विशेषकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान भारी शोरगुल के बीच वामपंथी सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आयेंगे तभी चर्चा होगी। प्रधानमंत्री कहां हैं? उन्होंने नोटबंदी की घोषणा की है। वे सदन में क्यों नहीं आ रहे हैं।
इस पर कुरियन ने कहा कि चर्चा शुरू की जानी चाहिए। लोगों में जो गुस्सा है उसका जिक्र सदस्य चर्चा के दौरान कर सकते हैं। इसी बीच कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन का अपमान कर रहे हैं। वह सदन में नहीं आ रहे हैं जबकि नोटबंदी की घोषणा उन्होंने ही की है।
संसद परिसर में प्रदर्शन : नोटबंदी के खिलाफ आक्रोश दिवस मना रहे विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज यहा संसद भवन परिसर में एकजुट होकर जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। लोकसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल के दौरान जैसे ही स्थगित हुई तो विपक्षी दलों के सदस्य एकत्रित होकर सदन के बाहर निकले और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पहुंच गए जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इन सदस्यों ने नारे लिखे कागज हाथ में लेकर नोटबंदी करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी सांसद करीब 15 मिनट तक 'मोदी तुम्हारी मन की बात, गरीबों के पेट पर लात, जनता का पैसा जनता को दो, किसान का पैसा किसान को दो, मजदूर का पैसा मजदूर को दो' जैसे नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ ही छह विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अहमद पटेल, शशि थरूर तथा कई सदस्यों के साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम, डीएमके की कनिमोजी तथा तिरुचि शिवा, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव एवं अन्य सदस्य शामिल थे, लेकिन प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस और जनता दल यू के सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया।