पुलवामा हमले को लेकर CCS की बैठक, हो सकता है बड़ा फैसला
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पुलवामा में सुरक्षा बलों के काफिले पर हमले के परिप्रेक्ष्य में शुक्रवार को सुबह नौ बजे सेे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक चल रही है। इस बैठक के बाद सरकार कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वित्त मंत्री पीयूष गोयल बैठक में शामिल। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी बैठक में भाग ले रहे हैं।
एक उच्चाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय गृह सचिव और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ अलग से बैठक कर सकते हैं। समिति जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर सकती है।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 37 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद देशभर में लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। लोगों ने सरकार से एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों का खात्मा करने की मांग की है।
एनएसजी व एनआईए करेगी जांच : हमले की जांच के लिए एनएसजी और एनआईए की टीम शुक्रवार को श्रीनगर पहुंच रही है। वह जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ फॉरेंसिक जांच करेंगे।
पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार : भारत ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) ने इस हमले का अंजाम दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों से पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों को प्रतिबंधित किए जाने का आह्वान किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मसूद अजहर की अगुवाई वाले आतंकी समूह को चलाने और उसके ढांचे को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान की सरकार ने उसे पूरी स्वतंत्रता दी है।
सरकार ने टीवी चैनलों को जारी किया परामर्श : जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमले के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने गुरुवार को सभी निजी टेलिविजन चैनलों को नियमों का पालन करने की सलाह दी है।
सूचना एव्ं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में आतंकवादी हमलों के आलोक में सभी निजी टीवी चैनलों को किसी भी सामग्री के प्रसारण के संबध में विशेष रूप से सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ऐसी खबर जो हिंसा को बढावा देती हों या फिर कानून एवं व्यवस्था के लिए परेशानी पैदा करती हों, जो राष्ट्र विरोधियों को बढ़ावा देती हों या फिर राष्ट्र की अखंडता पर असर डालती हों। चैनलों को ऐसी सामग्री का प्रसारण नहीं करना चाहिए।