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Written By सुरेश एस डुग्गर

सीआरपीएफ जवानों को मिले नए बॉडी प्रोटेक्टर

सीआरपीएफ जवानों को मिले नए बॉडी प्रोटेक्टर - CRPF, Jammu and Kashmir violence
श्रीनगर। कश्मीर में इन गर्मियों के दौरान होने जा रहे आशंकित संघर्ष की तैयारी केरिपुब ने अभी से कर दी है। जहां एक ओर उसने हजारों की संख्या में पैलेट गनों तथा लाखों की गिनती में उनके कारतूस मांगे हैं वहीं दूसरी ओर पत्थरबाजों के पथराव से बचने की खातिर उन्होंने नए किस्म के बॉडी प्रोटेक्टर हासिल कर लिए हैं।
यह सच है कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के कारण सेना और सीआरपीएफ के जवान अक्सर परेशानी में पड़ जाते हैं। साजो-सामान की कमी व पथराव करने वालों पर घातक हथियारों का इस्तेमाल न कर पाने की बंदिश के चलते उनका मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है।
 
जवानों के पास एक ही विकल्प होता है कि वे अपनी सुरक्षा करते हुए उपद्रवियों को खदेड़ें। इसे देखते हुए जवानों को अब नया बॉडी प्रोटेक्टर उपलब्‍ध कराया गया है। अब तक केवल चेस्ट प्रोटेक्टर व लेग गार्ड के सहारे ही वे पत्थरबाजों का मुकाबला करते थे।
 
पुलिस फोर्स की इस लिस्ट में 20,000 फुल-बॉडी प्रोटेक्‍टर, 3,000 पोलीकार्बोनेट शील्ड, बेहतर हेलमेट, आंसू गैस प्रोटेक्टर और संशोधित पैलेट गन शामिल हैं। पिछले साल तक सीआरपीएफ के पास केवल फोम के बने चेस्ट प्रोटेक्‍टर, लेग गार्ड होते थे। अब एक फैक्ट्री ने नया बॉडी प्रोटेक्टर डिजाइन किया है।
 
नया सुरक्षा कवच पथराव, चाकू, एसिड हमले, मोलोतोव कॉकटेल और आग के गोलों के लिए खासतौर पर बनाया गया है। करीब 70,000 जवान जम्मू कश्‍मीर में तैनात हैं। पुलवामा जिले के त्राल में तैनात एक जवान ने बताया कि इस बॉडी प्रोटेक्टर से हमें पत्थरों से बेहतर सुरक्षा मिलेगी और हमारा विश्वास फिर से बनेगा।
 
नए यूनिफार्म को पहनकर सिपाही ने कहा कि इससे मिलने वाली सुरक्षा को देखते हुए इसका वजन काफी अधिक नहीं है। यूनिफार्म में छोटे-छोटे छेद हैं, जिससे आसानी से सांस ली जा सकेगी। 2010 में श्रीनगर में पहली बार पथराव का सामना करने वाले सिपाही ने बताया कि बॉडी सूट हमारी दृश्यता को और अच्छा बना देंगे। हमारा रेस्पांस और बेहतर होगा।
 
पैलेट गन के उपयोग के मामले पर सीआरपीएफ को काफी निंदा झेलनी पड़ी और इन्हें पथराव का भी सामना करना पड़ा है। पिछले साल पथराव में इससे करीब 2,400 जवान घायल हो गए थे और इस बार की अशांति में ये अपने जवानों के बचाव के लिए तैयारी में जुटे हैं। अधिकांश चोट उनके सिर पर होती है। इस साल सीआरपीएफ ने अपने जवानों के लिए बेहतर हेलमेट मुहैया कराए हैं।
 
पूरे शरीर के लिए इस नए रक्षा कवच में ‘चेस्ट प्रोटेक्टर, एल्बो पैड, शिन गार्ड, अपर आर्म प्रोटेक्टर, शोल्जर पैड, ग्रोइन प्रोटेक्‍टर, फोरआर्म प्रोटेक्टर, थाई प्रोटेक्टर शामिल हैं। कश्मीर में पथराव के दौरान मेडिकल इलाज के अलावा गृह मंत्रालय छोटी चोटों के लिए 2,500 रुपए और गंभीर चोट के लिए 7,500 रुपए मुहैया कराएगी।
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