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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 10 मार्च 2025 (18:39 IST)

Real Estate परियोजनाओं की लागत में हुई बढ़ोतरी, CBRE ने जारी की वार्षिक रिपोर्ट

Real Estate परियोजनाओं की लागत में हुई बढ़ोतरी, CBRE ने जारी की वार्षिक रिपोर्ट - Cost of new real estate projects increased
Real Estate projects News : कच्चे माल की ऊंची कीमतों की वजह से पिछले कैलेंडर साल के दौरान नई रियल एस्टेट परियोजनाओं की निर्माण लागत में सालाना आधार पर 2 से 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सीबीआरई ने कहा, जबकि कुछ प्रमुख सामग्री लागतों में नरमी देखी गई, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की लगातार कमी के कारण वर्ष 2024 के दौरान श्रम व्यय में औसतन पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। श्रम लागत में इस वृद्धि ने सामग्री लागत में कमी के लाभ को समेट दिया। इससे कुल निर्माण लागत बढ़ गई।
 
सीबीआरई ने सोमवार को ‘इंडिया कंस्ट्रक्शन कॉस्ट ट्रेंड्स 2024-25: नेविगेटिंग कॉस्ट्स इन ए ट्रांसफॉर्मिंग लैंडस्केप’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की तुलना में 2024 में नई रियल एस्टेट परियोजनाओं की निर्माण लागत में 2-4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है।
वर्ष 2024 में सीमेंट, इस्पात और एल्युमीनियम की लागत में वार्षिक आधार पर क्रमशः 6-8 प्रतिशत, 3-5 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पेंट की लागत स्थिर रही। हालांकि इस दौरान लकड़ी और पत्थर की कीमतों में क्रमशः 3-6 प्रतिशत और 0-2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो चुनिंदा मांग दबाव को दर्शाता है।
 
सीबीआरई ने कहा, जबकि कुछ प्रमुख सामग्री लागतों में नरमी देखी गई, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की लगातार कमी के कारण वर्ष 2024 के दौरान श्रम व्यय में औसतन पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई। श्रम लागत में इस वृद्धि ने सामग्री लागत में कमी के लाभ को समेट दिया। इससे कुल निर्माण लागत बढ़ गई।
दिल्ली-एनसीआर में ऊंची आवासीय परियोजनाओं (30 मंजिलों) के लिए निर्माण लागत 5,500-6,100 रुपए प्रति वर्ग फुट है। 12 मंजिला इमारतों के लिए लागत 3,100-3,500 रुपए है। सीबीआरई के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ)-भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका अंशुमान मैगजीन ने कहा कि भारत का निर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है, जो वर्ष 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की ओर अग्रसर है।
 
उन्होंने कहा, जहां कार्यबल की कमी चुनौतियां पेश करती है, यह क्षेत्र स्थिरता, प्रौद्योगिकी और उच्च गुणवत्ता वाले विकास द्वारा संचालित मजबूत निवेश को आकर्षित करना जारी रखेगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour