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Last Updated : गुरुवार, 29 अप्रैल 2021 (15:02 IST)

अब Corona Vaccine पर बवाल, केन्द्र और राज्य सरकारें आमने-सामने

अब Corona Vaccine पर बवाल, केन्द्र और राज्य सरकारें आमने-सामने - coronavirus vaccine controversy in India
1 मई से 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों को कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगाने की घोषणा और टीके के दाम के बाद अब टीके की कमी का संकट शुरू हो गया है। 18 प्लस तो छोड़िए अब 45 से ऊपर वालों के लिए दूसरे डोज के ही लाले पड़ गए हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने देश में टीकाकरण के लिए 2021-22 के बजट में 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। 
 
इसके बाद केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव की स्थिति भी निर्मित हो गई है। कई गैर भाजपा सरकारों ने केन्द्र पर टीके उपलब्ध नहीं करवाने का आरोप लगाया है, वहीं केन्द्र सरकार ने कहा कि सभी राज्यों के पास टीके उपलब्ध हैं और टीके की अगली खेप भी सभी राज्यों को भेजी जा रही है। 
 
राजस्थान सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि वह 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों के लिए टीकाकरण शुरू नहीं कर पाएगी क्योंकि वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता नहीं है। सरकार के मुताबिक वह राज्य में 15 मई से ही 18 से ऊपर वालों का टीकाकरण शुरू कर पाएगी।
 
लगभग इसी स्वर में महाराष्ट्र सरकार ने भी बात की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि वैक्सीन की खुराकों की कमी के चलते एक मई से 18 से 45 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण अभियान शुरू नहीं हो पाएगा। हालांकि सरकार ने इस आयु वर्ग के लोगों को भी मुफ्त टीका उपलब्ध करवाने की बात कही है। मंत्री ने बताया कि राज्य के खजाने पर 6500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। 
 
अभी 18 साल से ऊपर वालों का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू भी नहीं है, उससे पहले ही विवाद शुरू हो गया है। ऐसे में 1 मई के बाद विवाद और बढ़ने की आशंका है। यदि ऐसा हुआ तो इसका असर टीकाकरण कार्यक्रम पर भी पड़ना तय है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच यह टकराव चिंता का विषय तो है ही।
 
18 से 44 साल की आबादी को कितने टीके : एक अनुमान के मुताबिक 18 से 44 साल की आयु वर्ग के लोगों की संख्या करीब 59 करोड़ है। ऐसे में इस आबादी के लिए 1 अरब 20 करोड़ डोज की जरूरत होगी। हालांकि इनमें से एक बड़ा वर्ग उनका भी होगा जो हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में टीकाकरण करवा चुके हैं।
 
स्वास्थ्य मंत्रालय के ही मुताबिक 28 अप्रैल को शुरुआती 3 घंटों में ही 80 लाख लोगों ने टीका लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया। इसके अलावा 45 साल से ऊपर की आबादी वाले एक बड़े हिस्से को अभी दूसरेडोज नहीं लगा, कुछ ने तो पहला भी डोज नहीं लगवाया है। 
 
वर्तमान में वैक्सीनेशन की स्थिति : स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 12 करोड़ 41 लाख 22 हजार 402 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि 2 करोड़ 57 लाख 54 हजार 719 लोगों को दूसरी डोज लगी है। इनमें हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 साल से ऊपर के लोग शामिल हैं। 
कीमत पर भी कलह : केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच टीकों की कीमतों को लेकर भी विवाद है। क्योंकि वैक्सीन कंपनियां राज्य सरकारों को ज्यादा कीमतों में जबकि केन्द्र सरकार को कम कीमत में टीके उपलब्ध करवाने की बात कह रही हैं। ऐसे में टीके के लिए 'एक देश, एक कीमत' की बात भी उठ रही है। 
 
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अपने कोवैक्सिन की कीमत राज्य सरकारों के लिए 600 रुपए तय की है, जबकि निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपए प्रति खुराक तय की है। दूसरी ओर, सीरम ने राज्य सरकारों के लिए कीमत 400 रुपए प्रति खुराक घोषित की थी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए 600 रुपए प्रति खुराक घोषित की है। केन्द्र सरकार के लिए दोनों टीके 150 रुपए प्रति खुराक की दर से मिलेंगे। इस बीच ‍सीरम ने अपने टीके की कीमत 400 से घटाकर 300 रुपए कर दी है। 
 
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