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Written By सुरेश डुग्गर

जम्मू संभाग के महत्वपूर्ण ठिकाने ISI के निशाने पर, पूछताछ में बड़ा खुलासा

जम्मू संभाग के महत्वपूर्ण ठिकाने ISI के निशाने पर, पूछताछ में बड़ा खुलासा - Conspiracy of the Pakistan intelligence agency ISI in Jammu division
जम्मू। पाक जासूसी संस्था आईएसआई का अगला टारगेट जम्मू संभाग के सैनिक व महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं, जिन्हें वे उड़ा देना चाहती है। यह खुलासा पुलिस की ओर से नेस्तनाबूद किए गए 6 सदस्यीय जासूसी मॉड्यूल से पूछताछ से हुआ है। फिलहाल पकड़े गए चार जासूसों से पूछताछ जारी है।
 
इस मॉड्यूल की गिरफ्तारी का सिलसिला 11 दिन पहले जम्मू के बाहरी क्षेत्र रतनूचक में स्थित एक सैन्य प्रतिष्ठान की वीडियोग्राफी करते पकड़े गए मुश्ताक अहमद मलिक और नदीम अख्तर की पूछताछ से शुरू हुआ। दोनों से मिले सुरागों के आधार पर एजेंसियों ने सद्दाम हुसैन, सफदर अली, मुहम्मद सलीम और अब्दुल करीम को पकड़ा। इनमें सफदर अली ही जिला ऊधमपुर में खनेड़ का रहने वाला है, जबकि अन्य तीन जिला कठुआ के रहने वाले हैं।
 
पूछताछ के दौरान इन लोगों ने बताया कि मुश्ताक अहमद मलिक का एक रिश्तेदार पहले जिला डोडा का नामी आतंकी था। बाद में वह उस कश्मीर चला गया था। उसने ही सबसे पहले इस मॉड्यूल को तैयार किया। पकड़े गए यह सभी लोग जिला कठुआ, ऊधमपुर और डोडा में हिजबुल मुजाहिदीन का नेटवर्क तैयार करने में जुटे थे। इन्होंने खुद अभी किसी आतंकी वारदात को अंजाम नहीं दिया था।
 
पूछताछ में इन्होंने बताया कि आईएसआई के कर्नल इफ्तिखार के साथ उनकी वाट्सएप और एक अन्य मोबाइल एप के जरिए बातचीत होती थी। इफ्तिखार के साथ उनका संपर्क सीमा पार बैठे एक आतंकी ने कराया था। उसने ही हिज्ब कमांडर आमिर खान से भी इनका संपर्क कराया था।
 
कर्नल इफ्तिखार के निर्देशानुसार ही वह विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों की वीडियोग्राफी कर उसे पहु़ंचाते थे। उन्होंने हाईवे और रेलवे स्टेशनों के अलावा कुछ और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की भी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कर पाकिस्तान भेजी है।
 
आईएसआई सिर्फ किसी बड़े हमले को अंजाम ही नहीं देना चाहती है बल्कि उधमपुर, डोडा व कठुआ में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिश में भी है। जासूसों से पूछताछ जारी है। स्मार्ट फोन के जरिये सीमा पार पहुंचाए गए वीडियो फुटेज व तस्वीरों के अलावा वाट्सएप डाटा को भी खंगाला जा रहा है।
 
पूछताछ कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि यह सिर्फ जासूसी का काम ही नहीं कर रहे थे बल्कि उधमपुर, डोडा और कठुआ में हिज्ब का नेटवर्क संभालने की तैयारी भी कर चुके थे। अगर यह पकड़े नहीं जाते तो कश्मीर में या फिर जिला किश्तवाड़ या डोडा के किसी जंगल में आतंकी ट्रेनिंग ले रहे होते।
 
पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया है कि सीमा पार से कहा गया था कि पहले वह कुछ इलाकों की वीडियोग्राफी कर भेजें। उसके बाद वह डोडा या किश्तवाड़ पहुंचे, जहां उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इनके फोन से जो डाटा मिला है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि आईएसआई राज्य में सक्रिय आतंकियों के जरिये या फिर सीमा पार से आतंकियों के किसी आत्मघाती दस्ते को इस तरफ भेज पठानकोट या नगरोटा सैन्य प्रतिष्ठान पर करीब दो साल पहले हुए हमले जैसे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।