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Last Modified: रविवार, 19 फ़रवरी 2023 (18:21 IST)

26 फरवरी को कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए क्यों है अहम?

26 फरवरी को कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन, 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए क्यों है अहम? - congress will decide the stand on opposition unity for lok sabha elections 2024 in plenary session welcomed the statement of nitish kumar
नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी से शुरू हो रहे पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में चर्चा की जाएगी एवं आगे का रुख तय किया जाएगा। हालांकि, उसने इस बात पर भी जोर दिया कि उसकी मौजूदगी के बिना देश में विपक्षी एकता की कोई भी कवायद सफल नहीं हो सकती। 26 फरवरी को कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन होने जा रहा है। इस सेशन का नाम ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ रखा गया है। इस सेशन में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी भी मौजूद रहेंगे। 
 
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का स्वागत किया और कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के प्रभाव को स्वीकार किया है।
 
नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस को 'भारत जोड़ो यात्रा' से बने माहौल का लाभ उठाते हुए भाजपा विरोधी दलों को एकजुट कर गठबंधन बनाना चाहिए और अगर ऐसा हो गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी 300 से ज्यादा सीट वाली भारतीय जनता पार्टी को 100 से भी कम सीट पर समेटा जा सकता है।
 
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, रमेश और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अधिवेशन के बारे में कुछ ब्योरा सामने रखा।
 
वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्ल्यूसी) के चुनाव के संदर्भ में 24 फरवरी को पार्टी की संचालन समिति की बैठक में फैसला होगा।
 
नीतीश कुमार के बयान के संदर्भ में वेणुगोपाल ने कहा कि हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान समान विचार वाले दलों को आमंत्रित किया। ज्यादातर दल आए। संसद सत्र के दौरान अडाणी समूह के मामले में विपक्षी दलों को साथ लिया।
 
उन्होंने कहा कि अधिवेशन एक ऐसा मंच होगा, जहां इस पर चर्चा होगी। निश्चित तौर पर इस बारे में (नेतृत्व) का निर्देश आएगा।
 
रमेश ने कहा कि हम मानते हैं कि विपक्ष की एकता जरूरी है। लेकिन विपक्ष की एकता के लिए यात्रा नहीं निकाली गई थी, यह इसका परिणाम हो सकता है। अधिवेशन में इस पर विचार होगा। यह क्या रूप लेगा, हम नहीं कह सकते।
 
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी के बयान का हम स्वागत करते हैं, क्योंकि उन्होंने माना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर न सिर्फ कांग्रेस पर, बल्कि भारतीय राजनीति पर हुआ है। यह भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है, यह उन्होंने स्वीकारा है।
 
रमेश ने कहा कि हम अपनी भूमिका अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसने भाजपा के साथ कहीं भी समझौता नहीं किया है।
 
उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कई पार्टी हैं, जो मल्लिकार्जुन खरगे जी के साथ बैठक में आती हैं, लेकिन उनकी क्रिया सत्तापक्ष के साथ नजर आती है। हमारे दो चेहरे नहीं हैं। हम चाहते हैं कि अडाणी के मामले पर जेपीसी की जांच हो।’’
 
कांग्रेस नेता ने तंज भरे लहजे में कहा, ‘‘हमें किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है कि हमें नेतृत्व करना है, क्योंकि कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी एकता असफल होगी।’’
 
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मजबूत कांग्रेस के बिना मजबूत विपक्षी एकता असंभव है। चुनाव के पहले गठबंधन होना चाहिए, बाद में होना चाहिए, इस पर अधिवेशन में लोग अपना विचार रखेंगे।
 
रमेश ने कहा कि लोग इस बात को भूल जाते हैं कि कांग्रेस महाराष्ट्र, बिहार, केरल, झारखंड समेत कई राज्यों राज्यों में गठबंधन में है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि कांग्रेस चुनाव से पहले गठबंधन नहीं करती। उन्होंने कहा कि 2024 से पहले कई राज्यों में चुनाव हैं, जिन पर पार्टी को ध्यान देना है।
 
वेणुगोपाल ने कहा कि इस बार का यह पूर्ण अधिवेशन 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन में करीब 15000 लोगों को आंमत्रित किया गया है, जिनमें डेलीगेट (प्रतिनिधि) होंगे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विशेष डेलीगेट होंगे। कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा करने वाले सभी ‘भारत यात्री’ और पार्टी के अग्रिम संगठनों और विभागों के पदाधिकारी विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
 
उनके मुताबिक, अधिवेशन में 1338 निर्वाचित एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य होंगे, 487 आमंत्रित (को-ऑप्टेड) एआईसीसी सदस्य होंगे, 9915 निर्वाचित पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) सदस्य होंगे तथा करीब 3000 आमंत्रित (को-ऑप्टेड) पीसीसी सदस्य होंगे।
 
वेणुगोपाल ने बताया कि 24 फरवरी की सुबह 10 बजे संचालन समिति की बैठक होगी। इस बैठक में मसौदा समिति द्वारा तय प्रस्तावों पर संचालन समिति एक-एक करके विचार करेगी और इनका अनुमोदन करेगी। उसी दिन विषय संबंधी समिति भी बैठक करेगी, जिसमें कई प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही संचालन समिति इस अधिवेशन के विस्तृत एजेंडे को स्वीकृति प्रदान करेगी।
 
वेणुगोपाल ने कहा कि यह सत्र ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सफल आयोजन के बाद हो रहा है। इस यात्रा से आम कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का नया संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पूर्ण अधिवेशन का टैगलाइन ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ होगा।
 
कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने बताया कि अधिवेशन में भाग ले रहे एआईसीसी सदस्यों में सामान्य श्रेणी से 704, अल्पसंख्यक समुदाय से 228, ओबीसी समुदाय से 381, अनुसूचित जाति से 192, अनुसूचित जनजाति से 133, महिलाएं 235 और 50 साल से कम उम्र के 501 लोग होंगे। उन्होंने कहा कि नया रायपुर में जहां अधिवेशन होगा उसे ‘शहीद वीर नारायण सिंह नगर’ नाम दिया जाएगा।
 
सैलजा ने कहा कि जहां 26 फरवरी को रैली होगी, उस स्थान का नाम वरिष्ठ नेता दिवंगत मोतीलाल वोहरा के नाम पर रखा जाएगा।
 
मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी का पूर्ण अधिवेशन हो रहा है। कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2018 में दिल्ली में हुआ था। भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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