कांग्रेस छह राज्यों तक सिमटी
नई दिल्ली।पिछले लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस को गुरुवार को आए विधानसभा चुनावों के परिणामों से करारा झटका लगा है। असम तथा केरल दो राज्य उसके हाथ से निकल गए हैं भले ही केन्द्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में जीत से उसे कुछ राहत मिली है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि चुनाव में लोगों ने जो फैसला दिया है, पार्टी उसे स्वीकार करती है। उन्होंने एक बयान में पार्टी पर भरोसा जताने के लिए पुड्डुचेरी की जनता का आभार व्यक्त किया और कहा कि असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल तथा पुड्डुचेरी में जो जनादेश मिला है, उसे वह विनम्रता से स्वीकार करती हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनाव में मिले जनादेश को स्वीकार करते हुए कहा है कि वह लोगों का विश्वास और भरोसा जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। असम में पिछले 15 साल से सत्तारूढ कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पडा है। वहां पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बना रही है।
इसी तरह केरल में भी कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा सत्ता से बाहर हो गया है और प्रतिद्वंद्वी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने जीत हासिल की है। बंगाल में वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद कांग्रेस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी हिलाने में सफल नहीं हो पाई है हालांकि विधानसभा में उसने अपनी पिछली स्थिति में कुछ सुधार किया है ।
तमिलनाडु में भी द्रमुक से हाथ मिलाने का उसे कोई ज्यादा फायदा नहीं हुआ। राज्य में मुख्यमंत्री जे. जयललिता का जादू बरकरार रहा। असम और केरल हाथ से निकलने के बाद अब सिर्फ छह राज्यों में कांग्रेस की सरकार रह गई है। अब कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर में ही उसका शासन रह गया है।
केन्द्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी के नतीजे कांग्रेस के लिए थोडी राहत पहुंचाने वाले हैं । वहां उसने 15 सीटें जीती हैं और दो सीट हासिल करने वाली द्रमुक के साथ वह सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है। (वार्ता)