शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Inflation
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 2 अप्रैल 2022 (15:04 IST)

नववर्ष का ‘महंगाई’ से स्वागत, 2 साल में 2 गुनी महंगाई, पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने आम आदमी का निकाला तेल

नववर्ष का ‘महंगाई’ से स्वागत, 2 साल में 2 गुनी महंगाई, पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने आम आदमी का निकाला तेल | Inflation
आज से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है। नव वर्ष का आगाज महंगाई के मार के साथ हो रहा है। कोरोना के बाद रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले सामानों के साथ पेट्रोल-डीजल के रिकॉर्ड तोड़ दाम के चलते महंगाई जिस बेतहाशा ढ़ग से बढ़ रही है उसने आम आदमी का तेल निकाल दिया है। अप्रैल 2020 में जहां आम आदमी कोरोना महामारी से जूझ रहा था तो आज अप्रैल 2022 में आम आदमी महंगाई ‘महामारी’ के दर्द से  कहरा रहा है। आज नव वर्ष पर भी हर ओर महंगाई की ही चर्चा है। इस शनिवार चर्चित मुद्दें में बात करेंगे महंगाई की। 
पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य प्रदार्थो की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार से मध्यमवर्गीय परिवार की कमर टूट गई है। महंगाई का बोझ आम आदमी पर किस कदर पड़ा है इसको केवल इससे समझा जा सकता है कि एक मध्यमवर्गीय परिवार पर 10-15 हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है। कोरोना के बाद पेट्रोल के दाम दो साल में 38 रूपए लीटर बढ़ गए है। 2020 में राजधानी भोपाल में पेट्रोल के दाम जहां 77.56 रुपए प्रति लीटर के आसपास थे तो वहीं आज भोपाल में पेट्रोल के दाम 115.11 रुपए/लीटर है। 
वहीं डीजल दो साल में 29 रुपए/लीटर महंगा हो गया है। डीजल के दाम में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी होने से सब कुछ महंगा हो गया है जिसका सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ा है। कोरोना संकट और डीजल के दामों में इजाफे के चलते पिछले 2 साल में मालभाड़ा डेढ़ गुना से अधिक बढ़ गया है जिसके चलते रोजमर्रा की जरुरतों के सामान में आग लग गई है।
 
वहीं गैस सिलेंडर के दाम दो साल में लगभग डबल हो गए है। अप्रैल 2020 में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की  कीमत 752 रु प्रति सिलेंडर थी उसकी आज कीमत 905 से अधिक है। वहीं कर्मिशयल गैस सिलेंडर जो अप्रैल 2020 में 1285 रुपए थी वह आज 2253 रुपए के आसपास है।
अगर खाद्य पदार्थों की महंगाई के ग्राफ को देखा जाए तो पिछले दो साल में घर की रसोई का खर्च दो गुना हो गया है। अप्रैल 2020 में जो कंपनी का पैकेट बंद 5 किलो का ब्रांडेड आटा जो 150 में बिक रहा था वह आज 175-80 में बिक रहा है। इसके साथ ही खाद्य तेल के दाम पिछले तीन महीने में 40 से 50 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ने से खाने का जायका ही बदल गया है। 
सरसों का बोतल बंद तेल जो पिछले अप्रैल 2020 में 90-100 रुपए में बिक रहा था वह आज 200-210 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं रिफाइंड ऑयल के दाम भी दो साल में दोगुने हो गए है। अप्रैल 2020 में रिफाइंड ऑयल 80-90 रुपए/ली. बिक रहा था वह आज 160-170 रु/ली. बिक रहा है। 
 
जल्द लगेगा बिजली का ‘करंट’- महंगाई से जूझ रहे मध्यप्रदेश के लोगों को जल्द ही बिजली के दामों का झटका लगने जा रहा है। 8 अप्रैल से प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ने जा रहे है। विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नई बिजली की दरों का एलान कर दिया है। इसके अनुसार में प्रदेश में बिजली 2.64 फीसदी महंगी होनी जा रही है।  कंपनियों ने दाम बढ़ाए जाने का बड़ा कारण ढाई हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताया है। अपने इस घाटे से उबरने के लिए अब बिजली कंपनियां बिजली उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाने जा रही हैं। 
 
ये भी पढ़ें
चीन में आ रहे हैं भारत से भी ज्यादा कोरोना केस, 1 दिन में 2000 से ज्यादा मामले