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Last Modified: शुक्रवार, 5 मई 2023 (23:57 IST)

Manipur Violence : मणिपुर हिंसा में कोबरा कमांडो की हत्या, 13 हजार से ज्‍यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

Manipur Violence
Manipur Violence : मणिपुर के चुराचांदपुर में छुट्टी पर अपने गांव आए सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की शुक्रवार को सशस्त्र हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। कुल 13000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने एवं शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं।

मणिपुर की इंफाल घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बीच शुक्रवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ स्थिति आमतौर पर शांत रही। राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने एवं शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं।

एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ लोगों को सेना के शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि सेना ने चुराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोकपी जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

घाटी के आसपास के विभिन्न पहाड़ी जिलों से सुबह के समय उग्रवादी समूहों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें भी आती रहीं, लेकिन शांति की स्थिति बनी हुई है। रक्षा अधिकारी ने शुक्रवार रात कहा, पिछले 12 घंटे में, इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में आगजनी की छिटपुट घटनाएं और असामाजिक तत्वों द्वारा नाकेबंदी के प्रयास हुए। हालांकि स्थिति को समन्वित प्रतिक्रिया के माध्यम से नियंत्रित कर लिया गया।

कई सूत्रों ने कहा कि समुदायों के बीच हुई झड़पों में कई लोग मारे गए हैं और लगभग सौ लोग घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अस्पताल के सूत्रों ने शुक्रवार रात बताया कि झड़पों के शिकार बताए गए कुल 36 लोगों के शव इंफाल पश्चिम जिले के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मुर्दाघर में लाए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार ए शव इंफाल पूर्व और पश्चिम, चुराचांदपुर और बिशेनपुर समेत विभिन्न जिलों से लाए गए। सूत्रों ने बताया कि गोली लगने से घायल हुए कई लोगों का रिम्स और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में किया जा रहा है।

इस बीच, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल और दंगा-रोधी वाहन भेजे हैं।

शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे दिन लगातार संपर्क में रहे। उन्होंने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक भी की। सुबह घाटी के आसपास के पहाड़ी जिलों से सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ की खबरें आ रही थीं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चुराचांदपुर जिले के कांगवई, पड़ोसी बिष्णुपुर जिले के पश्चिमी पहाड़ी इलाके फौगाकचाओ और इंफाल पूर्वी जिले के दोलाईथाबी और पुखाओ में जातीय हिंसा में शामिल हुए उग्रवादी समूहों और सुरक्षाबलों के बीच रुक-रुककर मुठभेड़ होने की सूचना है।

उन्होंने कहा कि हालांकि फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि दोनों पक्षों में कोई हताहत हुआ है या नहीं। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के करीब 10000 जवान तैनात किए गए हैं।

इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने नई दिल्ली में बताया कि इस बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के कम से कम पांच अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर व पुलिस अधीक्षक स्तर के सीआरपीएफ के सात अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है।

केन्द्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा को देखते हुए सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की और 20 कंपनियों को रवाना किया है। अधिकारियों के मुताबिक, सेना की सिख रेजीमेंट अभी इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में बचाव अभियान चला रही है, जहां से 500 से अधिक लोगों को लीमाखोंग सैन्य शिविर में सुरक्षित आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

राज्य में हिंसा को देखते हुए मणिपुर जाने वाली ट्रेनें शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गईं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने एक बयान जारी कर कहा, भारतीय वायुसेना के सी17 ग्लोबमास्टर और एएन32 विमानों ने असम की दो हवाई पट्टियों से कई उड़ानें भरकर क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहुंचाए हैं।

बयान के अनुसार, प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती चार मई की रात को शुरू की गई। अतिरिक्त बलों ने पांच मई को तड़के ही नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम आरंभ कर दिया। प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के नागरिकों की निकासी का काम गुरुवार को रातभर किया गया। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।

मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था।

पुलिस के अनुसार, तोरबंग में मार्च के दौरान हथियारबंद लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के सदस्यों पर हमला किया। मेइती समुदाय के लोगों ने भी जवाबी हमले किए, जिससे पूरे राज्य में हिंसा फैल गई।

मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

उग्र भीड़ ने इंफाल शहर के न्यू चेकोन और चिंगमेइरोंग इलाकों में गुरुवार शाम दो शॉपिंग मॉल में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सड़कों पर गश्त बढ़ा दी थी। रक्षा अधिकारी के मुताबिक, उग्र भीड़ ने गुरुवार को थनलॉन के आदिवासी विधायक वंजागिन वाल्टे पर हमला कर दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनका एक अस्पताल में उपचार चल रहा है।

मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आदिवासियों के बीच भड़की हिंसा से दोनों समुदायों के 9000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में कई प्रभावित लोग सुरक्षाबलों के शिविरों में शरण ले रहे हैं। मणिपुर सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘देखते ही गोली मारने का’ आदेश दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि यह हिंसा समाज में ‘गलतफहमी’ का नतीजा थी और उनका प्रशासन स्थिति पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सभी उपाय कर रहा है।

सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की गोली मारकर हत्या : मणिपुर के चुराचांदपुर में छुट्टी पर अपने गांव आए सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की शुक्रवार को सशस्त्र हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने बताया कि 204वीं कोबरा बटालियन के डेल्टा कंपनी के कांस्टेबल चोनखोलेन हाओकिप की दोपहर में हत्या कर दी गई।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किन परिस्थितियों में उनकी हत्या की गई लेकिन कहा जाता है कि पुलिस की वर्दी पहने कुछ हमलावर उनके गांव में घुसे और उनकी हत्या कर दी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की गुरिल्ला युद्ध में माहिर शाखा ‘कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) में मुश्किल परिस्थितियों में काम करने वाले और शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट जवान ही शामिल हो सकते हैं।

इसकी 10 में से ज्यादातर बटालियन को छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात किया जाता है जबकि कुछ यूनिट को देश के पूर्वोत्तर हिस्से में उग्रवाद विरोधी अभियानों में भी तैनात किया जाता है।


आयकर अधिकारी की घर से निकालकर हत्या : मणिपुर में हिंसा के दौरान इंफाल में तैनात आयकर विभाग के एक अधिकारी को उनके आधिकारिक आवास से बाहर घसीटा गया और उनकी हत्या कर दी गई। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) एसोसिएशन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एसोसिएशन ने ट्वीट कर इंफाल में हिंसा के कायरतापूर्ण कृत्य और उसमें आयकर सहायक श्री लेतमिनथांग हाओकिप की मौत की कड़ी निंदा की। उसने कहा, ड्यूटी पर तैनात एक निर्दोष जन सेवक की हत्या को कोई वजह या विचारधारा न्यायोचित नहीं ठहरा सकती। मुश्किल की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हें।

संघ ने हाओकिप की एक तस्वीर भी पोस्ट करते हुए कहा कि उन्हें मेइती बदमाशों ने इंफाल में उनके आधिकारिक आवास से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। यह एसोसिएशन आयकर विभाग के कर्मियों की अखिल भारतीय संस्था है। मणिपुर में पिछले 48 घंटे से जातीय संघर्ष हो रहा है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कुल 13000 लोगों को बचाया गया है और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)
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