नई दिल्ली। अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले की सुनवाई करने वाली दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल पर प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में उसके वकीलों से मुलाकात पर पाबंदियां लगाईं। अदालत ने ये पाबंदी तब लगाई गई, जब एजेंसी ने कहा कि मिशेल वकीलों को पर्चियां देकर उन्हें बता रहा है कि 'श्रीमती गांधी' पर सवालों से कैसे निपटना है और ऐसा करके वह विधिक पहुंच का दुरुपयोग कर रहा है।
मिशेल की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी दावा किया कि उसने पूछताछ के दौरान 'श्रीमती गांधी' का उल्लेख किया और 'एक इतालवी महिला के पुत्र' और इस बारे में भी बात की कि किस तरह से वह देश का अगला प्रधानमंत्री बनने वाला है। एजेंसी ने यद्यपि यह नहीं बताया कि मिशेल ने पूछताछ के दौरान किस संदर्भ में ये उल्लेख किए?
प्रवर्तन निदेशालय ने अनुरोध किया कि मिशेल की हिरासत के दौरान उसके अपने वकीलों से मुलाकात पर रोक लगा दी जाए। निदेशालय ने आरोप लगाया कि उसे बाहर से उसके वकीलों के जरिए सिखाया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि बचाव पक्ष के 3 वकील एक-एक करके आरोपी से दूर से मिल सकते हैं तथा विधिक सहायता दिन में सुबह 10 बजे और शाम 5 बजे केवल 15 मिनट के लिए होगी। यह निर्देश शनिवार को अवकाशकालीन न्यायाधीश चंद्रशेखर के समक्ष मिशेल को पेश किए जाने के बाद आया। न्यायाधीश ने उसकी ईडी हिरासत 7 दिन बढ़ा दी।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि मिशेल ने 27 दिसंबर को अपनी पूछताछ के दौरान 'श्रीमती गांधी' का एक उल्लेख किया। चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान आरोपी ने तह किया हुआ एक कागज अपने वकील एके जोसेफ को दिया और यह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने देख लिया। कागज देखने के बाद यह पता चला कि यह 'श्रीमती गांधी' पर पूरक सवालों से संबंधित था।
इस घटनाक्रम से भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया। सत्ताधारी पार्टी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय का बयान उनके परिवार के कथित घोटाले में संलिप्तता की ओर इशारा करता है। आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर पलटवार किया और उस पर आरोप लगाया कि वह 'एक विशेष परिवार का नाम लेने के लिए' मिशेल पर दबाव बनाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और उसके पास कोई वास्तविक मुद्दे नहीं हैं।
निदेशालय ने अदालत को बताया कि यह स्पष्ट है कि उन सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का एक षड्यंत्र है, जो आरोपी से पूछताछ से सामने आ सकते हैं। एजेंसी ने कहा कि अदालत ने आरोपी को विधिक पहुंच का जो लाभ दिया है उसका दुरुपयोग किया जा रहा है इसलिए इसे अब से रोक दिया जाना चाहिए।
निदेशालय ने कहा कि उसे नई इकाइयों के बारे में ताजा सबूतों का पता चला है जिनका इस्तेमाल अपराध से जुड़े धन के शोधन में किया गया तथा मिशेल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है ताकि अभी तक जिन भारतीय संपर्कों का पता चला है उनसे उसका सामना कराया जा सके। एजेंसी ने कहा कि उसे दिल्ली में विभिन्न जगहों पर ले जाने की जरूरत है ताकि उन स्थानों की पहचान की जा सके, जहां उसने बैठकें कीं और जिनका इस्तेमाल उसने छिपने के अड्डों के तौर पर या अधिकारियों और अन्य के सत्कार के लिए किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने अर्जी में कहा कि 'गहरे षड्यंत्र का पता लगाने और उसके सभी सहयोगियों की पहचान के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है जिसमें वायुसेना के अधिकारी, रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, नौकरशाह और राजनेता शामिल हैं जिन्हें अगस्तावेस्टलैंड के पक्ष में ठेका प्राप्त करने में अनुचित लाभ हासिल हुआ।' एजेंसी ने कहा कि मिशेल जांच के दौरान कुछ सवालों के जवाब टाल गया। आरोपी स्वयं को और अपने उन सहयोगियों को बचाने के लिए नए बहाने इस्तेमाल कर रहा है जिनको अपराध से अर्जित शोधित धन मिला या जिन्होंने इसमें मदद की।
मिशेल को हाल में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। उसे प्रवर्तन निदेशालय ने 22 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। उसे यहां की एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे घोटाले में धनशोधन के आरोपों को लेकर 7 दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। मिशेल इससे पहले इससे जुड़े सीबीआई के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद था।
मिशेल 3 कथित बिचौलियों में शामिल हैं जिनकी मामले में ईडी और सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। अन्य गुइदो हशके और कार्लो गेरोसा हैं। निदेशालय ने शनिवार को उसकी रिमांड हासिल करने के लिए दी गई अर्जी में कहा कि जांच से खुलासा हुआ है कि मिशेल अगस्तावेस्टलैंड में प्रमुख बिचौलिया था, जो विभिन्न स्तरों पर सौदे को आगे बढ़ा रहा था और वह संवेदनशील सूचना प्रसार एवं रिश्वत के भुगतान में महत्वपूर्ण था।
एजेंसी ने कहा कि उससे हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि धनशोधन के अपराध में विभिन्न व्यक्तियों की भूमिका के साथ ही धन कहां से आया, कहां गया और रिश्वत के भुगतान के बारे में भी पता चल सके। एजेंसी ने कहा कि मिशेल के लिए तैयार सवालों का जवाब नहीं मिला है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह धीरे-धीरे लिख रहा है और उसका बयान विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर लंबित है, जो आरोपी द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को उजागर करने के लिए जरूरी हैं।
ईडी ने कहा कि उसे यह पता लगाना है कि मिशेल को अगस्तावेस्टलैंड से कितनी कमीशन मिली और अन्य बिचौलियों, वायुसेना अधिकारी, भारतीय नौकरशाहों और राजनेताओं को कितनी रिश्वत आगे बढ़ाई गई? एजेंसी को यह पता लगाना है कि मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के जरिए वास्तव में कितनी राशि का शोधन किया गया, सहआरोपियों या अन्य सहयोगियों की क्या भूमिका थी और यह भी पता लगाया जा सके कि अपराध से अर्जित राशि कहां रखी गई? निदेशालय ने मिशेल के खिलाफ आरोप पत्र जून 2016 में दायर किया था। (भाषा)