4 लाख श्रद्घालुओं ने किए 'चार धाम' के दर्शन
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को कहा कि 2013 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बावजूद प्रदेश के लोग केदारनाथ पुनर्निर्माण तथा अन्य कामों में धैर्यपूर्वक लगे रहे, जिसके कारण पिछले साल पूरे यात्रा सीजन में आए तीर्थयात्रियों के मुकाबले इस साल अब तक चार लाख से ज्यादा श्रद्वालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं।
उत्तराखंड के दिवंगत राज्यसभा सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं सरकार, समाज और व्यक्तियों के धैर्य की परीक्षा लेती हैं।
उन्होंने कहा,2013 की त्रासदी के समय हमारे लोगों ने धैर्य बनाए रखा और उसी का परिणाम है कि चार धाम व हेमकुंड साहिब की यात्राएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। चार धाम यात्रा पर जिस उत्साह से श्रद्घालु बड़ी संख्या में आ रहे हैं उससे स्पष्ट है कि देश-दुनिया के लोगों का उत्तराखण्ड के प्रति विश्वास लौटा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी पुनर्निर्माण कार्यों का केवल पहले चरण का काम हुआ है और बहुत सा काम अभी करना है। उन्होंने कहा कि पांच से अधिक जिलों में आई आपदा से वर्षों में विकसित की गई व्यवस्थाएं छितरा गईं परंतु ऐसे समय में भी हमारे लोग धैर्यपूर्वक काम में लगे रहे। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग कहते थे कि चार धाम यात्रा को स्थगित कर देना उचित रहेगा, परंतु ऐसा करने से हमारे मनोबल पर विपरीत असर पड़ता।
उन्होंने कहा,हमने श्रद्घालुओं के लिए चार धाम यात्रा को प्रारंभ करने का निर्णय लिया। पिछले वर्ष लगभग चार लाख श्रद्घालु आए जबकि इस वर्ष अभी तक चार लाख से अधिक श्रद्घालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। हेमकुण्ड साहिब की यात्रा में भी अपार उत्साह देखने को मिल रहा है।
रावत ने कहा कि केदारनाथ सहित उत्तराखण्ड के पुनर्निर्माण के लिए हमारे लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में जो काम किया, वह राज्य की सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। प्रदेश में आपदा प्रभावित 363 गांवों के विस्थापन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसे केवल अपने संसाधनों से नहीं कर सकती और इसके लिए इसमें केंद्र का उदार सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे' के तहत गंगा तभी स्वच्छ रह सकती है, जब हमारे प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले निर्मल भारत के नाम से संचालित ‘स्वच्छ भारत’ योजना के तहत हमने दो जिलों को पूर्ण निर्मल जिले बनाने का निर्णय लिया है लेकिन इसमें केंद्र से सहायता मिलनी अभी बाकी है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को ग्रीन बोनस दिए जाने का समर्थन करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार व्यक्त किया लेकिन कहा कि पहले हमें विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होने के नाते 90:10 के अनुपात में केंद्रीय सहायता मिलती थी जिसे अब 50:50 किया जा रहा है।
मनारेमा डोबरियाल शर्मा मेमोरियल फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद राज बब्बर ने भी हिस्सा लिया। (भाषा)