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Last Updated : बुधवार, 1 मई 2024 (15:54 IST)

CBI ने ऐप आधारित निवेश योजना पर कसा शिकंजा, देशभर में अनेक स्थानों पर ली तलाशी

2 निजी कंपनियों और उनके निदेशकों पर मामला दर्ज

CBI ने ऐप आधारित निवेश योजना पर कसा शिकंजा, देशभर में अनेक स्थानों पर ली तलाशी - CBI tightened the noose on app based investment scheme
CBI raid : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 'एचपीजेड टोकन ऐप' (HPZ Token App) से जुड़ी फर्जी निवेश योजना के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 स्थानों पर तलाशी ली है। अधिकारियों ने नई दिल्ली में बुधवार को यह जानकारी दी। इस मामले में 2 निजी कंपनियों और उनके निदेशकों पर मामला दर्ज किया गया है।

 
सीबीआई का आरोप है कि इस योजना में जनता को आभासी 'क्रिप्टो-करेंसी माइनिंग मशीन रेंटल' में निवेश करने के लिए गुमराह किया गया। देशभर में सीबीआई का तलाशी अभियान मंगलवार रात को समाप्त हो गया।
 
2 निजी कंपनियों और उनके निदेशकों पर मामला दर्ज : अधिकारियों ने बताया कि 2 निजी कंपनियों 'शीगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड' और 'लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड' और उनके निदेशकों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) 419, 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया।

 
बड़ी संख्या में ई-मेल खातों का पता लगाया : सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के जोधपुर, महाराष्ट्र के मुंबई, कर्नाटक में बेंगलुरु के साथ ही तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्यप्रदेश में अनेक स्थानों पर तलाशी के दौरान लैपटॉप, मोबाइल फोन, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किए तथा बड़ी संख्या में ई-मेल खातों का पता लगाया।
 
150 बैंक खातों का पता चला : सीबीआई का आरोप है कि एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है, जो लोगों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी के लिए 'माइनिंग मशीन' में निवेश करने से बड़े लाभ का वादा करता है। मामले की जांच में 150 बैंक खातों का पता चला है जिनका इस्तेमाल आरोपियों ने निवेशकों से धन इकट्ठा करने में किया।
 
सीबीआई ने एक बयान में बुधवार को कहा कि भारत से अवैध रूप से बाहर भेजे जाने से पहले इस धन का इस्तेमाल शुरुआती तौर पर भरोसा जीतने के लिए किया जाता था। इन्हें अक्सर क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से भेजा जाता था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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