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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 3 जुलाई 2024 (13:11 IST)

देश के स्वयंभू बाबाओं का कच्चा चिट्‍ठा

देश के स्वयंभू बाबाओं का कच्चा चिट्‍ठा - case on babas
वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली। धर्म गुरु आसाराम बापू पर जोधपुर की जेल में लगी अदालत ने एक नाबालिग बच्ची से रेप के मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषी ठहराया है। ऐसे में देश में चल रहे स्वयंभू बाबाओं के रैकेट पर कई बार लोग सवाल उठाते हैं और और इनके आश्रमों में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों के चलते भी कई लोगों ने प्रश्न खड़े किए हैं। 
 
ऐसे में एक बार फिर हिंदू धर्म के बाबाओं, धर्मगुरुओं के खिलाफ इलाहाबाद के अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी ने तीन बार सूची जारी कर दर्जनभर से ज्यादा बाबाओं को फर्जी बताया है। इस लिस्ट में कई स्वयंभू बाबाओं के नाम हैं जिनमें आसाराम (पूरा नाम- आसूमल थाऊमल सिरुमलानी अथवा आसूमल सिरूमलानी), सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम सिंह, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, कुश मुनि, बृहस्पति गिरि, साध्वी त्रिकाल भवंता, बाबा वीरेन्द्र दीक्षित, मलकान गिरि आदि के नाम शामिल हैं। 
 
जानें इन स्वयंभू बाबाओं से जुड़े विवाद और कोर्ट द्वारा इन्हें सुनाई गई सजा की कहानी।
 
आसाराम : आसाराम ने अपने धर्म की दुकान गुजरात के अहमदाबाद से शुरू की थी और धर्म का सहारा लेकर इन्होंने अरबों का साम्राज्य खड़ा किया। साल 2013 से ये नाबालिग शिष्या से रेप के आरोप में जेल साढ़े चार वर्ष तक बंद रहे और आज कोर्ट ने इन्हें विभिन्न आरोपों में दोषी करार दिया है। 
 
इनपर आरोप था कि ये आशीर्वाद देने के नाम पर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण और बलात्कार करते थे। आसाराम को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई।   
 
राधे मां : खुद की देवी बताने वाली सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का विवादों से पुराना नाता है और ये भक्तों की गोद में बैठने तक के पैसे लेती हैं। चार अप्रैल 1965 में पंजाब के जिले गुरुदासपुर के दोरंगला गांव में जन्मीं सुखविंदर कौर पति की खराब आर्थिक हालत के चलते मुंबई में दूसरे के घरों में काम करती थीं। महज 10वीं तक पढ़ी राधे मां की 17 साल उम्र में शादी हुई थी। 
 
कुछ साल पहले इन्होंने खुद को महंत घोषित कर दिया था। इन पर लोगों को खुदकुशी के लिए उकसाने, जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर मामले चल रहे हैं। फिलहाल मामले अदालत में लंबित हैं और कोई फैसला नहीं आया है।
 
सचिदानंद गिरि : नोएडा और गाजियाबाद में रियल एस्टेट के साथ बीयर बार-पब जैसे कारोबार से जुड़े रहने वाले सचिन दत्ता उर्फ सचिदानंद अचानक से निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर बन गए थे। इनके दीक्षा दिलाने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे और तत्कालीन सपा सरकार के कद्दावर मंत्री शिवपालसिंह यादव भी उसमें शामिल हुए थे। बाद में विवाद होने पर उन्होंने अपना भगवा चोला उतार दिया।
 
गुरमीत राम रहीम इन्सां : हरियाणा में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां पर भी रेप और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों के मामले में हैं। इसके अलावा पत्रकार और सेवादार की हत्या मामले में भी आरोप थे। इन्हें भी कोर्ट ने 20 वर्ष कैद की सजा दी है और 65 लाख का अर्थदंड लगाया है। 
 
डेरा सच्चा सौदा गुरमीत राम रहीम रेप के मामले में रोहतक जेल में कैद हैं और उनके मामले में ड्राइवर खट्‍टा सिंह के बयान होने हैं और उनके बयानों के बाद ही कोर्ट उनकी मामलों को नई रोशनी में देखने के साथ रामरहीम की सजा में फेरबदल कर सकता है।   
 
ओम बाबा : एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान मारपीट करने और टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस' में अपनी बेहूदा हरकतों के चलते ओम बाबा सुर्खियों में आए। टाडा आर्म्स एक्ट केस के चलते ओम स्वामी पांच साल जेल में सजा काट चुके हैं। साल 1972 में उन्होंने साधु का रूप धारण किया और दिल्ली के मोतीबाग में कांग्रेस की स्थानीय सेक्रेटरी रहीं रानी प्रेमलता के यहां ही बाबा साधु बने। इन पर चोरी, ठगी जैसे आरोप हैं लेकिन नए मामलों में इन्हें कोई सजा नहीं दी गई है।
 
निर्मल बाबा : टीवी चैनलों पर कृपा भेजने वाले निर्मल बाबा काफी लोकप्रिय हैं और ये ऊटपटांग उपाय बताकर लोगों की समस्याएं सुलझाने का दावा करते हैं। झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदरसिंह नामधारी के मुताबिक निर्मल बाबा उनके रिश्तेदार हैं। निर्मल बाबा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं और इन पर आय से अधिक संपत्ति रखने समेत कई मामले दर्ज हैं। बाबा कहते हैं कि उनकी संस्था के बैंक खाते में पैसे जमा कराने से लोगों के दुख दूर होते हैं।
 
भीमानंद महाराज : 1988 में दिल्ली के नेहरु प्लेस स्थित एक फाइव स्टार होटल में गार्ड की नौकरी करने वाले भीमानंद अचानक से बाबा बन गए। 12 साल में भीमानंद ने करोड़ों की संपत्ति बना ली थी। ये कथित बाबा सेक्स रैकेट चलाने और चीटिंग करने के आरोप में जेल जा चुके हैं। भीमानंद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के चमरौहा गांव के रहने वाले हैं। स्वामी भीमानंद खुद को साईं बाबा का अवतार बताते हैं और इनका असली नाम असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है। अभी उन पर सेक्स रैकेट चलाने का मामला चल रहा है।
 
बृहस्पति गिरि : उत्तर प्रदेश में अलखनाथ ट्रस्ट के कई मंदिर हैं। बृहस्पति गिरि पर आरोप है कि इन्होंने जालसाजी से अलखनाथ ट्रस्ट के मंदिरों पर अधिकार हासिल करने की कोशिश की और इन पर अलखनाथ ट्रस्ट के पूर्व महंत धर्म गिरि की हत्या के आरोप भी लगते रहे हैं।
 
नारायण साईं : आसाराम के बेटे नारायण साईं भी खुद को महंत घोषित कर चुके हैं और इन पर भी यौन शोषण करने और हत्या करवाने के आरोप हैं। ये भी लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं और इनके मामलों में कोई फैसला नहीं आया है। 
 
बाबा रामपाल : स्वयं को भगवान बताने वाले रामपाल इन दिनों जेल में कैद हैं। हरियाणा के सोनीपत की गोहाना तहसील के धनाना गांव में पैदा हुए रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर थे। स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य बनने के बाद नौकरी छोड़ प्रवचन देना शुरू किया था। बाद के दिनों में कबीर पंथ को मानने लगे और अपने अनुयायी बनाने में जुट गए। रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है और वर्ष 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। इनसे जुड़े मामलों पर कोर्ट का फैसला नहीं आया है।
 
बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित : दिल्ली के रोहिणी इलाके में बने 'आध्यात्मिक विश्वविद्यालय' से सीबीआई टीम ने 41 लड़कियों को छुड़ाया। पीड़िताओं में कई यूपी और छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखती हैं। यह बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का आश्रम था। यहां से आजाद हुई एक पीड़िता ने दिल्ली कमीशन फॉर वुमन के सामने बताया कि बाबा खुद को कृष्ण बताता था और उसे अपनी 16 हजार रानियों में से एक मानता था। कई महिलाओं, लड़कियों ने उस पर रेप का आरोप लगाया है लेकिन उससे जुड़े मामले में कोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
 
पादरी चंद्र कुमार : पिछले वर्ष अक्टूबर में पटना पुलिस ने पादरी चंद्र कुमार को दो महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया था। एक समाज सेवी की पहल पर दोनों महिलाओं ने पटना के महिला पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपों की जांच करने के बाद मर्ग कायम किया और पादरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन मामला कोर्ट तक नहीं पहुंचा है।
 
फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडक्कनचेरी : केरल के कन्नूर जिले में एक चर्च के पादरी फादर रोबिन उर्फ मैथ्यू वडक्कनचेरी द्वारा एक लड़की के साथ कथित बलात्कार की घटना से जुड़े तथ्यों को छुपाने के लिए पांच नन सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 
 
यह मामला मार्च 2017 का है। मामले की जांच कर रहे अधिकारी पेरावूर सर्किल के निरीक्षक सुनील कुमार के अनुसार जिले के कुतुपरम्बा स्थित निजी अस्पताल के प्रभारी और पांच नन के अलावा दो अन्य लोगों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम की गैर जमानती धाराओं और किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। मामला उस समय सामने आया जब जिले के नीनदुनोक्की इलाके में रहने वाली लड़की ने सात फरवरी को कोथुपरमबा के एक निजी अस्पताल में एक लड़के को जन्म दिया। यह मामला केरल हाई कोर्ट में विचाराधीन है और इसमें सजा का एलान नहीं किया गया है।
 
फलाहारी बाबा : अलवर, राजस्थान की पुलिस ने पिछले सितंबर में बलात्कार की कोशिश के मामले में फंसे जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी उर्फ फलाहारी महाराज को हिरासत में ले लिया था। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की रहने वाली एक युवती ने फलाहारी बाबा के खिलाफ रेप की कोशिश का केस दर्ज कराया था। 
 
पुलिस ने बाबा को राजस्थान के अलवर के एक अस्पताल से हिरासत में लिया था। रेप की कोशिश के आरोप में फंसे फलाहारी महाराज खुद को बीमार बताकर अस्पताल में भर्ती थे लेकिन इनके खिलाफ भी मामला अदालत में विचाराधीन है।
 
कुश मुनि : इलाहाबाद के आचार्य कुश‍मुनि शास्‍त्री पर 4 आपराधिक केस है। इसमें एक दहेज उत्पीड़न का मामला भी है। इसके अलावा बरेली के बाबा मलकान गिरि फर्जी संस्था बनाकर अपना धंधा चला रहा था। 2013 में लड़की को अगवा करने के आरोप में उस पर केस दर्ज हुआ था। इसका मामला भी कोर्ट तक नहीं पहुंचा है। 
 
ओम नम: शिवाय बाबा : ओम नम: शिवाय बाबा ऊर्फ लाल महेंद्र प्रताप सिंह इलाहाबाद में कई जगहों पर शिविर लगाकर लोगों की बीमारियां ठीक करता था। जब पुलिस ने उसकी तलाश में दबिश दी तो वह भाग निकला था। तब से अब तक न तो उसकी गिरफ्‍तारी या कोई मामला दायर होने का समाचार मिला है।