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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 22 जुलाई 2017 (12:22 IST)

बड़ी खबर! भारत के पास युद्ध के लिए गोला बारूद की कमी...

बड़ी खबर! भारत के पास युद्ध के लिए गोला बारूद की कमी... - Cag report on shortage of army ammunition
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से भारी तनाव के बीच सेना के पास गोला-बारूद की उपलब्धता के बारे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना के पास 10 दिन के सघन टकराव की स्थिति के लिए भी पर्याप्त गोला-बारूद नहीं है। 
 
संसद में शुक्रवार को पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य मुख्यालय ने 2009-13 के बीच खरीदारी के जिन मामलों की शुरुआत की, उनमें अधिकतर जनवरी 2017 तक लंबित थे। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के कामकाज की तीखी आलोचना करते हुए कहा गया है कि 2013 से ओएफबी की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले गोला-बारूद की गुणवत्ता और मात्रा में कमी पर ध्यान दिलाया गया, लेकिन इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
 
गोला-बारूद डिपो की सुरक्षा पहलू पर भी रिपोर्ट में कहा गया है कि दमकलकर्मियों और उपकरणों की कमी से हादसे का खतरा बना रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी में सेना के गोला-बारूद प्रबंधन का फॉलोअप ऑडिट किया गया। बताया गया है कि ऑपरेशन की अवधि की जरूरतों के हिसाब से सेना में वॉर वेस्टेज रिजर्व रखा जाता है। रक्षा मंत्रालय ने 40 दिन की अवधि के लिए इस रिजर्व को मंजूरी दी थी।
 
1999 में सेना ने तय किया कि कम से कम 20 दिन की अवधि के लिए रिजर्व होना ही चाहिए। सितंबर 2016 में पाया गया कि सिर्फ 20 फीसदी गोला-बारूद ही 40 दिन के मानक पर खरे उतरे। 55 फीसदी गोला बारूद 20 दिन के न्यूनतम स्तर से भी कम थे। हालांकि इसमें सुधार हुआ है, लेकिन बेहतर फायर पावर को बनाए रखने के लिए बख्तरबंद वाहन और उच्च क्षमता वाले गोला-बारूद जरूरी स्तर से कम पाए गए। 
 
हालांकि इसका यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि भारत किसी भी जंग के लिए तैयार नहीं है। भारतीय सेना, नेवी और एयरफोर्स किसी भी जंग को लड़ने के लिए तैयार हैं।
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