क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे, बजट से पहले क्यों होता है पेश?
Budget 2024 : मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। पूरे देश की निगाहें इस बजट पर होगी। किसे फायदा होगा, क्या योजनाएं मिलने वाली हैं यह सब मंगलवार को तय हो जाएगा। बता दें कि बजट से पहले आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करने वाली है। बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश करने की परंपरा रही है। इस सर्वे को सरकार के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर देखा जाता है। सरकार इस रिपोर्ट के जरिए अपने पिछले एक साल के कामकाज की समीक्षा करते हुए आगे की प्लान को तैयार करती है।
एनुअल डॉक्यूमेंट होता है इकोनॉमिक्स सर्वे : दरअसल, इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय का एक एनुअल डॉक्यूमेंट होता है। इसमें देश की आर्थिक विकास का लेखा जोखा होता है। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश को कहां पर फायदा हुआ है और कहां नुकसान हुआ है। इस सर्वे के आधार पर यह तय होता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं देखने को मिलेगी।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे : संसद में बजट पेश करने से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे को सामने रखा जाता है। ये बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है और इसे पिछले वित्तीय वर्ष की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है। इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ताजा हालत के बारे में बताती है। इसमें साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कैन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं ये सभी जानकारियां शामिल होती हैं।
क्यों जरूरी है इकोनॉमिक सर्वे : बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे के जरिए सरकार देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर तस्वीर पेश करती है। इसमें पिछले एक साल के कार्य, रोजगार, जीडीपी के आंकड़े, बजट घाटे और मुद्रास्फीति जैसी चीजों की अहम जानकारी दर्ज होती है। इसके जरिए सर्वे को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं।
कौन करता है तैयार : आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन तैयार करता है। इसे मुख्य रूप से मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में बनाया जाता है। इस साल इस आर्थिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुवाई वाली टीम ने तैयार किया है। इसमें आर्थिक सर्वे से देश की अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर का पता चलता है। इससे सरकार लोगों के सामने महंगाई से लेकर देश के बेरोजगारी के आंकड़े पेश किए जाते हैं। इससे आम लोगों को सरकार की आगे की नीति और रोडमैप के बारे में जानकारी मिलती है।
Edited By : Navin Rangiyal