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  4. brutality against the beloved in the holy city Ujjain and no one soul trembled.

पवित्र नगरी उज्‍जैन में लाड़ली के साथ ये बर्बरता और किसी की रूह नहीं कांपी, महाकाल हम शर्मिंदा हैं, शर्मसार हैं

पुलिस की सुस्‍ती और तमाशबीनों की असंवेदनशीलता में मजबूर, लाचार और असहाय कहां जाकर मांगे मदद?

ujjain girl rape
Ujjain rape case : बाबा महाकाल की पवित्र नगरी उज्‍जैन। धार्मिक और पूजा-पाठ करने वाली यहां की जनता। सबसे पवित्र नगरी उज्‍जैन में एक 12 साल की मानसिक रूप से अस्‍वस्‍थ बच्‍ची के साथ जो दरिंदगी सामने आई उसने न सिर्फ मानवीयता को शर्मसार कर दिया, बल्‍कि इस हैवानियत पर हर कोई हतप्रद और अंदर तक हिला हुआ है।

पवित्र नगरी के वासी से क्‍या उम्‍मीद करें : 21वीं सदी के इस अति आधुनिक युग में जहां ज्‍यादातर लोग पढ़े- लिखे माने जाते हैं ऐसे दौर में एक बच्‍ची के साथ इस दरिंगदी और बर्बरता को देखने सुनने के लिए न सिर्फ मानवता शर्मसार है, बल्‍कि बाबा महाकाल के सामने इंसान होने पर शर्मिंदा भी होना चाहिए। क्‍योंकि मदद करने के बजाए कोई तमाशबीन बनकर बच्‍ची का फोटो खींच रहा था तो कोई वीडियो उतार रहा था। क्‍या यह असंवेदनशीलता की पराकाष्‍ठा नहीं है, क्‍या बाबा महाकाल की नगरी के वासियों से या वहां तैनात पुलिस से उम्‍मीद की जा सकती है।

लाड़ली के प्रदेश में लाड़ली के साथ ये कैसी बर्बरता : प्रदेश की लाड़ली बेटी को खून से लथपथ सड़क पर भटकते देख उज्‍जैन के किसी इंसान की रूह नहीं कांपी। वहीं, किसी विधायक, सांसद और मंत्री के काफिले के सामने अपनी पूरी फोर्स के बिछ जाने वाली पुलिस भी इस मासूम को दरिंदे का शिकार होने से नहीं बचा सकी। जिस प्रदेश के मुखिया लाडली लक्ष्‍मी, लाडली बहना और बेटी को पढ़ाओ और आगे बढ़ाओ जैसी योजनाओं का दिन-रात बखान करते हो, उस प्रदेश में एक मासूम सरेआम अर्धनग्‍न और खून से सनी सड़क पर मदद के लिए ढाई घंटे तक भटकती रही, लेकिन उज्‍जैन पुलिस को कोई एक भी जवान वहां नजर नहीं जो उसकी सुध लेता और फिक्र करता। अगर उज्‍जैन पुलिस एक मासूम की जान की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो देश-दुनिया से महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की क्‍या गारंटी होगी।

पुलिस ही सुस्‍त तो किस पर भरोसा करें : उज्‍जैन पुलिस की सुस्‍ती का आलम यह है कि तीन-तीन बार उज्‍जैन पुलिस के 100 नंबर पर डायल किया जाता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। बच्‍ची के शरीर से टपकते खून के साथ मानवता रोती रही। उज्‍जैन की पवित्र धरती की आत्मा छलनी होती रही। आलम यह था कि दुष्‍कर्म की शिकार मासूम जब घटना के बाद मदद मांगने के लिए उज्‍जैन की सड़कों पर यहां से वहां भटक रही थी तो कुछ लोगों ने उसे देखकर घर का दरवाजा बंद कर लिया तो कुछ ने उसे देखकर हाथ के इशारे से आगे बढ़ने को कहा।  

...तो क्‍या होता बच्‍ची का : करीब ढाई घंटे उज्‍जैन की सड़कों पर भटकने के बाद दुष्‍कर्म का शिकार हुई 12 साल की बच्‍ची बिल्‍कुल बेसुध हो चुकी थी। ऐसे में एक आश्रम के आचार्य पंडित राहुल शर्मा जब अपने आश्रम से बाहर कहीं जाने के लिए निकले तो उन्‍होंने खून से लथपथ बच्‍ची को देखा और स्‍थिति को भांपते हुए बच्‍ची पर कपड़ा डाला। पंडित राहुल शर्मा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने दो से तीन बार 100 नंबर पर कॉल किया गया, लेकिन उज्‍जैन पुलिस की तरफ से कोई रिस्‍पोंस या जवाब नहीं मिला। बाद में उन्‍होंने महाकाल थाने पर अपने कुछ पहचान वाले लोगों से संपर्क किया, जिसके करीब 25-30 मिनट बाद पुलिस वहां पहुंची और बच्‍ची को अस्‍पताल ले जाया गया, अगर बच्‍ची को अस्‍पताल भेजने में और देर होती तो बच्‍ची सड़क पर ही मर सकती थी।

किसी को भी देखकर सिहर उठती है : बच्‍ची घटना के बाद बुरी तरह से दहशत में है। उज्‍जैन से रैफर किए जाने के बाद इंदौर में उसका इलाज किया जा रहा है। दरिंदे आरोपी ने उसकी साथ इतनी ज्‍यादा क्रूरता की है कि उसके प्राइवेट पार्ट बुरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो गए हैं, बुधवार को बच्‍ची का ऑपरेशन किया गया। डॉक्‍टरों के मुताबिक दरिंदगी की वजह से उसे गहरा मानसिक आघात पहुंचा है। जबकि वो पहले से ही मानसिक रूप से कुछ असंतुलित है।
काफी खून बह चुका है : एनसीपीसीआर की सदस्य (बाल स्वास्थ्य, देखभाल और कल्याण) डॉ. दिव्या गुप्ता गुरुवार को इंदौर के शासकीय महाराजा तुकोजीराव होलकर महिला चिकित्सालय पहुंचीं थी और चिकित्सकों से मिलकर दुष्कर्म पीड़ित लड़की का हाल-चाल जाना। बता दें कि डॉ दिव्‍या गुप्ता एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बताया कि लड़की का काफी खून बहा है और वह बड़ी सर्जरी से गुजरी है। उसे अब तक दो बोतल खून चढ़ाया गया है। हालांकि, अस्पताल में जारी इलाज के चलते उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। डॉ दिव्‍या गुप्‍ता ने बताया कि बच्‍ची को गहरा मानसिक आघात पहुंचा है, वो किसी भी अजनबी को देखकर सिहर उठती है और दहशत में आ जाती है।
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