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Last Updated : शनिवार, 26 सितम्बर 2020 (16:45 IST)

वेश्यावृत्ति नहीं है अपराध, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिए 3 युवतियों को छोड़ने के निर्देश

Bombay high court
मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने कहा कि वेश्यावृत्ति कानूनन अपराध नहीं है। किसी भी वयस्क महिला  को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि किसी भी वयस्क महिला को उसकी  सहमति के बिना लंबे समय तक सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता।
 
बंबई हाईकोर्ट ने वेश्यावृत्ति के आरोप के चलते सुधारगृह में रखी गई 3 युवतियों की याचिका पर यह बात कही साथ ही उन्हें रिहा करने के भी निर्देश दिए। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इममॉरल ट्रैफिकिंग कानून 1956 का उद्देश्य व लक्ष्य देह व्यापार को खत्म करना नहीं है।
 
अदालत ने पीड़ित युवतियों की कस्टडी उनकी माताओं को देने से भी इनकार कर दिया क्योंकि तीनों ही वयस्क हैं। जज की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि तीनों लड़कियां बेड़िया समुदाय की है, उस समुदाय में जवान लड़की से देह व्यापार करवाने की प्रथा प्रचलित है।
 
अदालत का मानना था कि जब माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों से वेश्यावृत्ति करवाते हों तो ऐसे में उनकी कस्टडी उन्हें देना सुरक्षित नहीं होगा।