आर्थिक मोर्चे पर सरकार को भारी राहत
नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर चौतरफा घिरी नरेंद्र मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चें पर राहत भरी खबरें आईं। निर्यात आयात, थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़ों से यह बात सामने आई कि आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदम सही परिणाम दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग में भी सुधार होने के कारण विदेश व्यापार में तेजी दिखाई दी।
सब्जियों के दाम घटने तथा दालों, अनाजों और दूध की महंगाई नरम पड़ने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई की दर अक्टूबर में घटकर 4.20 प्रतिशत पर आ गया जो 14 महीने का निचला स्तर है।
अक्टूबर में थोक महंगाई भी घटकर इस साल जून के बाद के निचले स्तर 3.39 प्रतिशत रही है। यह सितंबर में 3.57 प्रतिशत रही थी। इससे पहले सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 4.39 प्रतिशत तथा पिछले साल अक्टूबर में पांच फीसदी दर्ज की गई थी।
मौजूदा वर्ष में अक्टूबर के दौरान थोक मुद्रास्फीति की दर 3.39 प्रतिशत दर्ज की गई है जबकि इससे पिछले महीने यह 3.57 प्रतिशत रही थी। पिछले वर्ष अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति की दर 3.70 प्रतिशत ऋणात्मक रही थी।
मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक बिल्डअप मुद्रास्फीति की दर 4.34 प्रतिशत पर रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 0.45 प्रतिशत रहा था। प्राथमिक वस्तु वर्ग में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति की दर अक्टूबर में 4.34 प्रतिशत रही है जबकि सितंबर में यह 5.75 प्रतिशत पर थी। हालाँकि विनिर्मित वस्तु वर्ग में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 11.21 प्रतिशत से घटकर 10.48 प्रतिशत पर रही है।
आंकड़ों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढने से मौजूद वर्ष के अक्टूबर में निर्यात 9.59 प्रतिशत बढ़कर 23 अरब 51 करोड़ डॉलर हो गया है जबकि इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 21 अरब 45 करोड डालर रहा है। अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉफी,लौह अयस्क, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं जेवरात और हस्तशिल्प के उत्पादों की मांग में भारी इजाफा हुआ है।
सरकार ने विश्व व्यापार संगठन के हवाले से कहा है कि इसी अवधि में निर्यात में अमेरिका में 0.20 प्रतिशत, यूरोपीय संघ में 5.78 प्रतिशत और जापान में 10.03 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि चीन के निर्यात में 3.01 की गिरावट दर्ज की गई है।
नोटबंदी के मामले पर सरकार को विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। इसके कारण लोगों को हो रही तकलीफों के लिए ए दल पूरी तरह केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कुछ दलों ने नोटबंदी के मामले में समय देने की मांग भी की है।
देशभर में आज भी लोग नोट बदलवाने और एटीएम से पैसा निकलवाने के लिए बैंकों में बड़ी संख्या में कतारों में लगे रहे। सरकार ने आठ नवंबर से 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोटों पर रोक लगा दी है और इन्हें बैंकों से बदलने को कहा है, जिसके कारण बैंकिंग प्रणाली पर भारी दबाव आ गया है। (वार्ता)