नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव : मूडीज
नई दिल्ली। नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी और इससे निकट भविष्य में वृद्धि कमजोर पड़ेगी, हालांकि दीर्घावधि में इससे कर राजस्व बढ़ेगा और यह तेजी से राजकोषीय मजबूती में तब्दील होगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
मूडीज की रिपोर्ट 'नोटबंदी भारत सरकार और बैंकों के लिए लाभदायक-क्रियान्वयन की चुनौतियों से आर्थिक गतिविधियां होंगी प्रभावित' में कहा गया है कि पुराने 500 और 1,000 के नोट बंद करने के फैसले से सभी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होंगे। इससे मुख्य फायदा सिर्फ बैंकों को होगा।
मूडीज सॉवरेन ग्रुप की सहायक प्रबंध निदेशक मैरी डिरोन ने कहा कि हालांकि निकट भविष्य में इन उपायों से जीडीपी की वृद्धि दर पर दबाव पड़ेगा और इससे सरकार का राजस्व प्रभावित होगा। दीर्घावधि में इससे कर राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह सरकार के ऊंचे पूंजीगत खर्च में तब्दील होगा और राजकोषीय मजबूती तेजी से आगे बढ़ सकेगी।
मूडीज ने कहा कि बेहिसाब धन रखने वाले लोगों और कंपनियों को संपत्ति का नुकसान होगा। इनमें से बहुत से लोग बैंकों में इसे जमा नहीं कराएंगे, क्योंकि उन्हें धन का स्रोत बताना होगा। तत्काल आधार पर इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंगी।
मूडीज कॉर्पोरेट फाइनेंस समूह की प्रबंध निदेशक लॉरा एकरेज ने कहा कि कंपनियों की आर्थिक गतिविधियां घटेंगी। उनका बिक्री और नकदी प्रवाह प्रभावित होगा। सीधे खुदरा बिक्री से जुड़ी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी। (भाषा)