मुंबई। इकनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद स्वर्ण आयात के हालिया अनुमान बता रहे हैं कि इस ट्रेड से जुड़ी कुछ इकाइयों ने कुछ बैंकर्स के साथ मिलकर लोगों को अपनी ब्लैक मनी को गोल्ड बार और जूलरी (जेवरात) में बदलने में मदद की है।
विदित हो कि स्वर्ण आयात के नवंबर के आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं हुए हैं लेकिन इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार इस दौरान 72 टन सोने का आयात हुआ। बता दें कि नोटबंदी के बाद से अब तक देशभर के एयरपोर्ट्स से 245 किलो सोना जब्त किया जा चुका है, जबकि 60 करोड़ रुपए कैश पकड़ा गया है।
सूत्र के मुताबिक, इसमें 52 टन यानी 2 अरब डॉलर (तकरीबन 15,000 करोड़ रुपए) का गोल्ड नोटबंदी के ऐलान के बाद यानी 11-20 नवंबर के दौरान लाया गया। नोटबंदी की घोषणा 8 नवंबर को रात आठ बजे की गई थी। महीने के पहले 10 दिनों में 10 टन सोना आयात हुआ जबकि महीने के आखिरी 10 दिनों में 11 टन सोना देश में लाया गया।
सूत्र का दावा है, 'नोटबंदी के तुरंत बाद 10 नवंबर से 52 टन सोने का आयात यह दिखाता है कि काले धन को सोने में बदलने के इस काम में कुछ बेईमान इकाइयों ने काम किया।' उन्होंने कहा, 'सरकार के लिए पड़ताल करना ज्यादा मुश्किल नहीं है क्योंकि वह यह पता लगा सकती है कि किस बैंक ने संबंधित 10 दिनों में कितना इंपोर्ट किया और किन लोगों को इसकी बिक्री की गई।'
इंडियन बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन (आईबीजीए) के सेक्रटरी सुरेंद्र मेहता ने भी माना कि कुछ संदिग्ध तत्वों ने पूरे आभूषण कारोबार की छवि खराब की है। उन्होंने दावा किया कि नवंबर में अनुमानित 95 टन के आयात में कम से कम 30 फीसदी काले धन का बदलाव हो सकता है, जबकि सूत्र का इस बाबत दावा 70 फीसदी का है।
इंडियन बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन ने इस सूत्र के उलट अपने अनुमान में रॉ गोल्ड को भी शामिल किया है। उनके अनुमान के आंकड़ों में 75 टन सोना इस महीने के पहले 15 दिनों में आयात किया गया।
मेहता ने बताया, 'हमारे अनुमान के मुताबिक सोने की कीमत और टैरिफ वैल्यू में गिरावट 16 नवंबर के बाद आई, जब बाकी 25 टन सोने का आयात हुआ। नवंबर में मांग दिवाली और टैरिफ वैल्यू में गिरावट के कारण रही, न कि नोटबंदी के असर के कारण। मैं उम्मीद करता हूं कि 30 फीसदी इंपोर्ट सही नीयत से किया गया है। अक्टूबर में गोल्ड का इंपोर्ट 83 टन रहा था।'
10 से 20 नवंबर के दौरान सोने की औसत कीमत 30,481 रुपए और डॉलर के मुकाबले रुपए का औसत रेट 67.59 मानें तो इंडियन बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन का अनुमान का मतलब होगा कि कुल 1.24 अरब डॉलर से भी ज्यादा के सोने का इस्तेमाल काले धन को बदलने में हुआ।
ट्रेड सूत्रों ने बताया कि टैक्स अधिकारी बैंकों की शाखाओं में छापे मार रहे हैं और काले धन के बदलाव में मिलकर काम करने के मामले में प्राइवेट बैंकों के कुछ अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। निकट भविष्य में बैंकों के और अधिकारियों की गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही है।