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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 20 जून 2025 (21:09 IST)

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने किया सबसे ज्यादा खर्च, आंकड़े जानकर उड़ जाएंगे होश

कुल खर्च का भाजपा ने किया करीब 45 फीसदी, कांग्रेस ने खर्च किए 620 करोड़

ADR report on Lok Sabha elections 2024
ADR report on Lok Sabha elections 2024: चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान करीब 1494 करोड़ रुपए खर्च किए, जो कुल चुनाव खर्च का 44.56 प्रतिशत है। एडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद 620 करोड़ रुपए व्यय के साथ कांग्रेस का स्थान है। पार्टी द्वारा किया गया व्यय कुल खर्च का 18.5 प्रतिशत है।
 
93 फीसदी राशि राष्ट्रीय दलों : एडीआर ने 32 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के व्यय का विश्लेषण किया। इन पार्टियों ने 16 मार्च से 6 जून 2024 के बीच लोकसभा तथा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में एक साथ हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कुल 3352.81 करोड़ रुपए खर्च किए। इस व्यय में राष्ट्रीय दलों की हिस्सेदारी 2204 करोड़ रुपए (65.75 प्रतिशत) से अधिक रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि एकत्र हुई कुल धनराशि में, राष्ट्रीय दलों ने 6930.246 करोड़ रुपए (93.08 प्रतिशत) जुटाए, जबकि क्षेत्रीय दलों को 515.32 करोड़ रुपए (6.92 प्रतिशत) मिले।
 
यह विश्लेषण अनिवार्य व्यय विवरण पर आधारित है, जिसे राजनीतिक दलों को आम चुनाव के 90 दिनों के भीतर और विधानसभा चुनावों के 75 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग के पास दाखिल करना होता है। एडीआर ने पाया कि विवरण दाखिल करने में काफी देरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, आयोग को आम आदमी पार्टी (आप) का विवरण 168 दिन विलंब से मिला, जबकि भाजपा का विवरण 139 से 154 दिन विलंब से प्राप्त हुआ।
 
केवल कांग्रेस ने ही सौंपी समेकित रिपोर्ट : एडीआर के अनुसार, केवल कांग्रेस ने ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए एक समेकित रिपोर्ट सौंपी। व्यय की सूची में चुनाव प्रचार शीर्ष स्थान पर रहा, जिस पर पार्टियों ने 2008 करोड़ रुपए खर्च किए, जो उनके कुल घोषित व्यय का 53 प्रतिशत से अधिक है।
 
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद यात्रा व्यय का स्थान है जो 795 करोड़ रुपये रहा। वहीं, उम्मीदवारों को एकमुश्त भुगतान के रूप में 402 करोड़ रुपए खर्च किए गए। पार्टियों ने डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार पर 132 करोड़ रुपए और अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि को प्रकाशित करने पर 28 करोड़ रुपए खर्च किए। 32 राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार पर किए गए कुल व्यय में से राष्ट्रीय दलों द्वारा 1511.30 करोड़ रुपए या 75.25 प्रतिशत खर्च किया गया तथा क्षेत्रीय दलों द्वारा 496.99 करोड़ रुपए या 24.75 प्रतिशत खर्च किया गया।
 
स्टार प्रचारकों पर ज्यादा खर्च : यात्रा व्यय स्टार प्रचारकों पर अधिक हुआ। यात्रा पर खर्च किए गए 795 करोड़ रुपए में से 765 करोड़ रुपए (96.22 प्रतिशत) पार्टी के हाई-प्रोफाइल नेताओं की यात्रा पर खर्च किए गए, जबकि अन्य नेताओं पर महज 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए। एडीआर ने पारदर्शिता पर भी चिंता जताई है।
 
कई पार्टियों ने नहीं दिया ब्योरा : रिपोर्ट तैयार करते समय, निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और शिवसेना (उबाठा) सहित 21 दलों के व्यय के विवरण उपलब्ध नहीं थे। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा राज्यों में हुए 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी, केसी (एम) के व्यय विवरण उपलब्ध नहीं थे। इस बीच, दो पार्टियों पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और केरल कांग्रेस (एम) ने चुनाव लड़ने के बावजूद शून्य व्यय घोषित किया।
 
एडीआर की मांग : एडीआर ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले साल हुए आम चुनाव में कुल 690 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था। एडीआर ने निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दलों के खर्च पर नजर रखने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने का भी आग्रह किया, जैसे कि उम्मीदवारों के खर्च पर नजर रखी जाती है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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