संवाद की कमी को दूर करेगा बीबीसी का पॉडकास्ट ‘बात सरहद पार’
नई दिल्ली। भारत इस साल अपनी आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है। ऐसा ही जश्न पाकिस्तान में भी मनाया जा रहा है। इस अवसर पर बीबीसी हिंदी बीबीसी उर्दू के साथ मिलकर एक नई पॉडकास्ट सीरीज 15 जुलाई से शुरू करने जा रहा है। इसमें आज़ादी और बंटवारे के 75 साल के दास्तां से लेकर दोनों देशों के लोगों ने बहुत कुछ झेला है।
भारत और पाकिस्तान का इतिहास तो साझा है लेकिन सरहदों की लड़ाई ने लोगों के बीच खाई पैदा कर दी है। दोनों देशों के बीच आपसी संवाद की कमी है। और इसी संवाद को साथ ला रहा है बीबीसी हिंदी। इस पॉडकास्ट में दोनों देशों के बीच की बातचीत को बेहतर करने की कोशिश की जाएगी।
बीबीसी इस साल अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहा है, इसी क्रम में इस पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की गई है जिसे भारत और पाकिस्तान की टीमें मिलकर बनाएंगी। पॉडकास्ट में दोनों देशों से साहित्य, सिनेमा, संगीत समेत कई क्षेत्रों के दिग्गजों को बुलाया जाएगा, इनमें आम लोग भी शामिल होंगे और बीते 7 दशकों में हुए बदलावों पर बातचीत होगी।
बीबसी के नई दिल्ली दफ्तर में मंगलवार को एक प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें इस पॉडकास्ट से जुड़ी जानकारी साझा की गई। इस दौरान पॉडकास्ट बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पाकिस्तान के लोग भी जूम के जरिए जुड़े और इस पॉडकास्ट के बनने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की। इस पॉडकास्ट का एक अपना अलग संगीत है, जिसे बीबीसी के चिंतन कालरा और अजित सारथी ने कंपोज किया है।
इस पॉडकास्ट सीरीज में हर बार एक नया एपिसोड जारी किया जाएगा। पॉडकास्ट को हर शुक्रवार बीबीसी न्यूज़ हिंदी और बीबीसी न्यूज़ उर्दू वेबसाइट, उनके यूट्यूब चैनल, और सभी प्रमुख पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म पर सुना जा सकेगा।
बीबीसी इंडिया की हेड रूपा झा ने बताया कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष और विभाजन को चिह्नित करने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है कि हम सीमा पार लोगों को एक साथ लाएं, साझा सांस्कृतिक अतीत का पता लगाने, एक-दूसरे की व्यक्तिगत यात्राओं का जश्न मनाने का मौका मिले। पॉडकास्ट के रूप में ये आकर्षक कहानियां हमारे लिए एक व्यावहारिक और अंतरंग अनुभव है। हम इन्हें शेयर करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते।