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Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Updated : गुरुवार, 21 मई 2020 (18:34 IST)

अयोध्या से Ground Report : श्रीराम जन्मभूमि के समतलीकरण में मिले दुर्लभ धार्मिक अवशेष

अयोध्या से Ground Report : श्रीराम जन्मभूमि के समतलीकरण में मिले दुर्लभ धार्मिक अवशेष - Ayodhya Ground Report
अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। लॉकडाउन के बीच राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गर्भगृह में समतलीकरण का कार्य शुरू हो गया है। समतलीकरण के दौरान मंदिर के अवशेष मिले हैं। खुदाई में मूर्ति युक्त पाषाण के खंभे, प्राचीन कुआं एवं मंदिर के चौखट भी मिले हैं। 
 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करने के बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भावी मंदिर निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया। उन्होंने बताया कि इस कार्य में तीन जेसीबी मशीन, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर व 10 मजदूर लगे हुए हैं। हालांकि कोरोना के कारण कार्य मंद गति में चल रहा है।
 
उन्होंने बताया की हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में पूर्व में हुई खुदाई प्राप्त पुरावशेषों के अतिरिक्त 11 मई से प्रारंभ समतलीकरण के दौरान काफी संख्या में पुरावशेष देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, 6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ, 5 फुट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति गुरुवार तक प्राप्त हुई है।
 
विहिप नेता ने बताया कि समतलीकरण का कार्य प्रगति पर है। कोरोना महामारी के संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए मशीनों का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन, मास्क आदि अन्य सभी सुरक्षा उपायों का प्रयोग किया गया है।
 
चम्पत राय ने साफ कर दिया है कि राम जन्मभूमि के स्वरूप को बदला नहीं जा रहा। इस प्रकार की भ्रांतियां पूर्ण रूप से गलत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्म स्थल पर कोई नए मंदिर का निर्माण नहीं किया जा रहा है बल्कि पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण हो रहा है। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण देश के स्वाभिमान का पुनर्निर्माण है। 
 
भव्य मंदिर के हैं अवशेष : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने वेबदुनिया को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में समतलीकरण के दौरान मिले मंदिर के अवशेषों पर कहा कि अवशेषों से स्पष्ट होता है कि यहां भव्य मंदिर रहा होगा।
 
उन्होंने कहा कि जो अवशेष मिल रहे हैं, वे हमारे देश के लिए उस काल की धरोहर के रूप में हैं। इन्हें सावधानीपूर्वक पुरातत्व विशेषज्ञों की निगरानी में निकलवाया जाए। साथ ही इनकी लिस्ट बनाते हुए इन्हें लोकल स्तर पर ही संग्रहीत कर इनकी प्रदर्शनी लगाई जाए। उन्होंने कहा की इन धरोहरों के लिए स्थानीय स्तर पर कार्बन डेटिंग लैब की स्थापना की जाए। 
 
विहिप नेता व ट्रस्टी चम्पत राय ने बताया कि अयोध्या में रामकोट नाम का एक मोहल्ला है, जिसे कोट किला भी कहा जाता है। वर्षों पहले कोई बहुत बड़ा किला रहा होगा। इस क्षेत्र में दर्जनों मंदिर हैं, जिसमें दशरथ महल, सीता भवन, कोपभवन, कोहबर भवन, सीता रसोई नाम से मंदिर है, जो कि सभी भगवान श्रीराम के जीवन काल से जुड़े हैं।

उल्लेखनीय है कि राम जन्मभूमि के ट्रस्ट गठन इन सबके बीच 0.3 एकड़ की एक भूमि हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। इसमें सरकार को ट्रस्ट बनाने का निर्देश हुआ और 5 फरवरी, 2020 को सरकार ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया। सरकार ने अपने ट्रेजरी से एक रुपए का पहला डोनेशन ट्रस्ट को दिया। ट्रस्ट के गठन के बाद कार्य काफी आगे तक किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्‍वीट कर कहा कि #अयोध्या के #श्रीराम_जन्मभूमि में विराजमान श्री #रामलला के #गर्भगृह स्थल पर चल रहे समतलीकरण के दौरान पुरावशेष प्राप्त हो रहे हैं। इनमें देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों के साथ प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। #Ayodhya#JaiShriRam"