अयोध्या मामला, मुस्लिम पक्षकार ने उठाए सुप्रीम कोर्ट की पीठ पर सवाल
अयोध्या मामले में गठित सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ पर यह कहकर सवाल उठाया है कि इसमें एक भी मुस्लिम जज नहीं है। इस मामले की सुनवाई 10 जनवरी से नियमित रूप से होगी।
बाबरी मस्जिद के एक पक्षकार हाजी महबूब ने देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित पांच जजों की बेंच को गलत बताते हुए कहा कि हम इससे इत्तिफाक नहीं रखते हैं। ये जो भी हुआ है, गलत है। पीठ में एक मुस्लिम जज भी होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक दिखावा है जो करना है उनको करेंगे, 2019 के चुनाव के मद्देनजर इस मामले को उठाया जा रहा है।
बाबरी मस्जिद के दूसरे पक्षकार इक़बाल अंसारी ने कहा की अदालत सबूतों के आधार पर फैसला करती है। इसका जाति-धर्म से कोई मतलब नहीं है। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं और सभी को करना भी चाहिए।
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य व पूर्व सांसद एवं वीएचपी नेता रामविलास वेदांती ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम का जन्म हुआ यह बात सभी ग्रंथों में है। अयोध्या में बाबर कभी नहीं आया था, यह इतिहास कहता है। अयोध्या में बाबर ने मीर बांकी के द्वारा मंदिर तुड़वाया था, लेकिन मंदिर के चौदह कसौटी खम्बे बचे थे।
उन्होंने कहा कि खुदाई प्रारंभ हुई तो उसमें केवल राम जन्मभूमि के चिन्ह मिले, इस्लाम का चिन्ह नहीं मिला। जजों को यह पता है कि राम कोट में रामलला विराजमान हैं। अयोध्या में कोई बाबर घाट नहीं है, जबकि अन्य कई घाट हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या राम के नाम से जानी जाती है और हमें लगता है कि ये पांच जज पंच परमेश्वर के रूप में निर्णय करने के लिए आ गए हैं।
अयोध्या बाबरी मस्जिद के मुददई हाजी महबूब ने कहा की कमेटी तो गठित हो गई है जिसमे केवल हिन्दू जज रखे गए हैं मामला बाबरी मस्जिद का है तो एक मुश्लिम जज होना चाहिए था, जो कर रहे हैं वो गलत है।