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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 22 सितम्बर 2024 (20:20 IST)

RSS चीफ मोहन भागवत से अरविंद केजरीवाल ने पूछे 5 सवाल, क्या है AAP की रणनीति

RSS चीफ मोहन भागवत से अरविंद केजरीवाल ने पूछे 5 सवाल, क्या है AAP की रणनीति - Arvind Kejriwal slams PM Modi, asks 5 questions to RSS chief Mohan Bhagwat
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक नयी राजनीतिक रणनीति के तहत रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जवाब मांगा। केजरीवाल ने यह कहकर मोदी का कद कम दिखाने की कोशिश की कि आरएसएस ही मुखिया है और उसे अपने बच्चों को नियंत्रण में रखना चाहिए।
 
केजरीवाल ने एक रैली में कहा कि क्या बेटा अब इतना बड़ा हो गया है कि वह अपनी मां को आंख दिखा रहा है?” इस रैली में उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल किए। उन्होंने जो सवाल पूछे वे राजनीतिक रूप से भले ही सामान्य प्रतीत होते हों, लेकिन भागवत का जिक्र करना नयी और असामान्य बात है।
 
केजरीवाल ने पूछा कि क्या संघ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक दलों को तोड़ने, विपक्षी दलों की सरकारें गिराने और “भ्रष्ट” नेताओं को अपने पाले में करने की भाजपा की राजनीति से सहमत है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जंतर-मंतर पर अपनी पहली सार्वजनिक सभा ‘जनता की अदालत’ में केजरीवाल ने संघ के प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे, जिनमें एक सवाल यह भी था कि क्या सेवानिवृत्ति की आयु से संबंधित भाजपा का नियम मोदी पर भी लागू होता है, जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी पर लागू हुआ था?
 
उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या वह नेताओं को ‘‘भ्रष्ट’’ कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की भाजपा की राजनीति से सहमत हैं?
 
केजरीवाल ने एक अन्य सवाल में भागवत से पूछा कि जब भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है, तो उन्हें कैसा लगा?
 
उन्होंने कहा, “भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं। आरएसएस भाजपा की मां समान है। क्या आज बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वो मां को आंखें दिखाने लग गया है।”
 
केजरीवाल ने कहा, “जिस बेटे को पाल पोसकर बड़ा किया, जिस बेटे को प्रधानमंत्री बनाया और वो बेटा अपनी मां तुल्य संस्था आरएसएस को आंखें दिखा रहा है।”
 
उन्होंने कहा, “मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि जब जे.पी. नड्डा ने ऐसा कहा तो आपके दिल पर क्या गुजरी। क्या आपको दुख नहीं हुआ। मैं आरएसएस के हर कार्यकर्ता से पूछता हूं कि जब जे.पी. नड्डा ने कहा कि हमें आरएसएस की जरूरत नहीं है तो क्या आरएसएस के कार्यकर्ताओं को दुख नहीं हुआ। ”
 
उन्होंने सवाल किया कि क्या आरएसएस प्रमुख भाजपा की मौजूदा राजनीति से संतुष्ट हैं? केजरीवाल ने कहा, “आरएसएस और भाजपा ने नियम बनाया था कि हर नेता 75 साल की उम्र होने पर सेवानिवृत्त हो जाएगा। इस नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र जैसे वरिष्ठ नेताओं को सेवानिवृत्त कर दिया गया। अब (गृह मंत्री) अमित शाह कहते हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होता।”
 
उन्होंने भागवत से पूछा, “क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि जो नियम आडवाणी जी पर लागू होता है, वह मोदी जी पर लागू नहीं होगा?” केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर सभा को संबोधित कर रहे थे, तब भाजपा महज एक किलोमीटर दूर कनॉट प्लेस में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके और ‘आप’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी।
 
भाजपा ने इसी मुद्दे पर राजघाट पर केजरीवाल के खिलाफ एक और विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। दूसरी ओर, जंतर-मंतर ‘आप’ के नीले और पीले रंग के झंडो से पटा पड़ा था। रैली स्थल के आसपास सैकड़ों समर्थकों ने बैनर लगा रखे थे, जिन पर केजरीवाल को “हम में से एक” और ‘‘निर्दोष’’ बताया गया।
 
जैसे ही केजरीवाल मंच पर आए, मंच “न रुकेगा, न झुकेगा...” के नारों से गूंज उठा, जबकि कुछ ‘आप’ समर्थकों ने हाथ में “हमारे केजरीवाल ईमानदार हैं” लिखे पोस्टर पकड़ रखे थे।
 
आबकारी नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में।
 
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है और पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं, बल्कि केवल सम्मान कमाया है।
 
उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से यह भी पूछा कि क्या वे सोचते हैं कि वह एक “चोर” हैं या फिर उन्हें जेल भेजने वाले लोग “चोर” हैं। केजरीवाल ने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनके लिए ‘अग्नि परीक्षा’ है और अगर लोग सोचते हैं कि वह बेईमान हैं, तो उन्हें वोट न दें।
 
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख ने कहा कि वह ‘श्राद्ध’ अवधि के बाद नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ देंगे और उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं। इनपुट भाषा
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