उपराज्यपाल के फैसले से नाराज अरविंद केजरीवाल ने दिया धरना
नई दिल्ली। राजधानी में करीब 1.30 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की परियोजना के दिशा-निर्देश तय करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल के एक समिति का गठन किए जाने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ टकराव बढ़ता जा रहा है। समिति बनाने से नाराज मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और विधायकों के साथ राजनिवास के बाहर सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया।
केजरीवाल की अगुवाई में मंत्रिमंडल के सहयोगी और पार्टी के विधायकों ने दोपहर करीब 3 बजे राजनिवास की तरफ मार्च शुरू किया। इनका सीसीटीवी परियोजना पर उपराज्यपाल से मुलाकात करने का इरादा था किंतु बैजल की तरफ से यह सूचित करने पर कि वे मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ ही मुलाकात करेंगे, सभी लोग धरने पर बैठ गए।
केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि हम उपराज्यपाल साहब से मिलने आए हैं, लेकिन उन्होंने विधायकों से मिलने से इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार राजनिवास ने सूचित किया है कि वे केवल मंत्रिमंडल के लोगों से ही मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल से सभी विधायकों से मिलने का आग्रह किया।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली सरकार की सीसीटीवी परियोजना को अमल में नहीं लाने देना चाहती और उपराज्यपाल के जरिए इसमें अड़ंगा लगा रही है। आम आदमी पार्टी (आप) ने विधानसभा चुनावों के समय अपने संकल्प पत्र में दिल्ली भर में कम से कम 10 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था। उपराज्यपाल ने इस पर निगरानी के लिए जो समिति गठित की है, वह बहुत ही खतरनाक कदम है। समिति का गठन केवल इस परियोजना को रोकने के लिए किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कई अन्य ट्वीट भी किए। उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही है। भाजपा, एलजी के जरिए इसको रोक रही है। दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के साथ हम एलजी साहब को समझाने जा रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरे मत रोको।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने सीसीटीवी परियोजना को बड़ा घोटाला बताते हुए केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि पैसे कि खातिर दिल्ली सरकार राजधानी की सुरक्षा-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। माकन ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) की आड़ में यह ठेका चीन सरकार की कंपनी हिकविजन को दिया गया है।
कांग्रेस का यह भी आरोप है कि इस परियोजना की निविदा के लिए शर्तों में ढील भी दी गई। मूल परियोजना 130 करोड़ रुपए की थी जिसे बाद में निविदा शर्तों में ढील देकर 571.40 करोड़ रुपए का किया गया। माकन का यह भी आरोप है कि चीनी कंपनी को ठेका दिलाने के लिए निविदा 2 बार जारी की गई।
उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सीसीटीवी परियोजना को लेकर पत्राचार भी हुआ। बैजल ने केजरीवाल को रविवार को लिखे पत्र में कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता और मीडिया को बार-बार और जान-बूझकर गुमराह किया जा रहा है।
केजरीवाल ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि उपराज्यपाल की बनाई गई समिति बहुत खतरनाक है। समिति का गठन सीसीटीवी परियोजना को रोकने के लिए किया गया। महिला सुरक्षा से जुड़ी इस परियोजना पर राजनीति क्यों की जा रही है? उन्होंने बैजल के लिए परियोजना पर समिति के गठन को संविधान का उल्लंघन भी बताया। इस मसले पर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है। (वार्ता)