किसानों की कर्ज माफी पर अरुण जेटली बोले...
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र सरकार किसानों का ऋण माफ करने पर विचार नहीं कर रही है। जेटली ने कहा कि सरकार के समक्ष किसानों का कर्ज माफ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून और वित्तीय घाटे के लक्ष्य की सीमा को हासिल करना है। सरकार इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसानों की कर्ज माफी की मांग विभिन्न राज्यों से उठ रही है। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर किसानों का ऋण माफ किए जाने का वादा किया था। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा सरकार बनने पर लघु और सीमांत किसानों का एक लाख रुपए तक का फसली ऋण माफ किए जाने का निर्णय किया गया है।
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों के ऋण माफी को लेकर हाल में आंदोलन हुए। मध्यप्रदेश में आंदोलनरत किसानों पर गोलीबारी में छह लोगों की मृत्यु हो गई। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए एक समिति का गठन किया है। पंजाब में अमरिन्दर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने कल बजट पेश करते हुए छोटे और सीमांत किसानों का दो लाख रुपए तक का ऋण माफ करने का ऐलान किया है।
पूर्व राजस्व सचिव एनके सिंह की अगुवाई में गठित एफआरबीएम समिति ने 2020 तक वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तीन प्रतिशत के दायरे में रखने और 2022-23 तक इसे और घटाकर ढाई प्रतिशत तक लाने की सिफारिश की है। चालू वित्त वर्ष के बजट में वित्तीय घाटा 2016-17 के 3.5 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत लाने का लक्ष्य है। (वार्ता)