शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Ancient India
Written By
Last Modified: सोमवार, 5 जनवरी 2015 (10:51 IST)

‘प्राचीन भारत में सर्जरी अत्यंत आधुनिक थी’

‘प्राचीन भारत में सर्जरी अत्यंत आधुनिक थी’ - Ancient India
मुंबई। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 102वें सम्मेलन में यहां एक चिकित्सक ने प्राचीन भारत में बहुत आधुनिक सर्जरी होने का दावा करते हुए कहा कि शल्यचिकित्सा के जनक माने जाने वाले सुश्रुत ने अपनी पुस्तक ‘सुश्रुत संहिता’ में अच्छे सर्जन के गुणों का उल्लेख किया था।
 
‘प्राचीन भारत में प्राचीन शल्यचिकित्सा’ विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ अश्विन सावंत ने कहा कि यह पुस्तक चिकित्सा पर संस्कृत का महत्वपूर्ण पाठ है।
 
उन्होंने कहा, ‘सुश्रुत पहले चिकित्साकर्मी थे जो उपचार में जोंक का इस्तेमाल करते थे। पिछले दो दशकों में अमेरिका के एफडीए ने जोंक को चिकित्सा संसाधन के तौर पर स्वीकार किया है।’ सावंत ने ऋग्वेद और अथर्ववेद में प्राचीन भारत में सर्जरी के वर्णन को रेखांकित किया।
 
उन्होंने कहा, ‘सुश्रुत पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि मानव हृदय शरीर की संचार प्रणाली का केंद्र है। हालांकि हम रक्त संचरण की खोज का श्रेय विलियम हार्वे को देते हैं।’ सावंत के मुताबिक, ‘प्राचीन भारत में सर्जरी के उपकरण इतने धारदार होते थे कि मनुष्य के बाल को भी बीच में से काट सकते थे।’
 
संगोष्ठी में डॉ. राहुल अलतेकर ने ‘प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प और सिविल इंजीनियरिंग’ के बारे में विचार रखे वहीं डॉ लीना फड़के ने ‘योग का तंत्रिका विज्ञान’ विषय के बारे में बात की। (भाषा)