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Last Updated : मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019 (14:27 IST)

PAK में एयर सर्जिकल स्ट्राइक : कैसे पूरा हुआ भारतीय वायुसेना का खतरनाक ऑपरेशन, जानें मिनट-टू-मिनट डिटेल...

PAK में एयर सर्जिकल स्ट्राइक : कैसे पूरा हुआ भारतीय वायुसेना का खतरनाक ऑपरेशन, जानें मिनट-टू-मिनट डिटेल... - air surgical strike in Pakistan
भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक कर पुलावामा आतंकी हमले का बदला ले लिया है। LoC और पाकिस्तान में 80 किमी अंदर जाकर तबाह कर दिए आतंक के ठिकाने और बता दिया कि यह नया हिंदुस्तान है, घर में घुसकर मारता है।
 
कैसे अंजाम दिया इस मिशन को : भारतीय वायुसेना ने रात करीब 3.30 बजे अपने डीप पैनिट्रेशन फाइटर जेट्स मिराज 2000 लड़ाकू विमानों की 2 स्क्वॉड्रन को लक्ष्य बताएं और महज 21 मिनिट में नीची उड़ान भरते हुए रडार को चकमा देने में माहिर फाइटर पायलेट्स को पाकिस्तान सीमा में भेजा और गाइडेड बमों और मिसाइलों से 3 ठिकानों पर हमला किया। 
 
भारत का वज्र : मिराज 2000 भारतीय वायुसेना में 1985 में शामिल किए गए थे और इन्हें वज्र का नाम दिया गया। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के लिए मिराज 2000 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया, क्योंकि ये विमान बहुत नीचे तक उड़ान भर सकते हैं।
 
ध्वनि की दोगुनी रफ्तार से उड़ने वाले इन फाइटर जेट्स ने रात करीब 3.30 बजे अंबाला एयरबेस से उड़ान भरी और पाकिस्तान सीमा में 80 किलोमीटर अंदर तक जाकर हमला किया। 
 
सूत्रों के अनुसार ये विमान बालाकोट और मुजफ्फराबाद तक पहुंच गए और 1000 किलो बम गिराए। रात करीब 3:45 बजे से 3:55 बजे तक मुजफ्फराबाद और फिर सुबह 3:58 बजे से रात 4:40 बजे चकोटी में जैश ए मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर उसे तबाह कर दिया। 
 
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब फाइटर जेट मिराज 2000 उम्मीदों पर खतरा उतरा है। इससे पहले कारगिल ऑपरेशन के दौरान भी मिराज ने खासी अहम भूमिका निभाई थी। यह भी बता दें कि राफेल बनाने वाली कंपनी ही मिराज विमानों की निर्माता है।
 
जम्मू-कश्मीर से खबर है कि हमले के पहले भारतीय थलसेना ने सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जबरदस्त जवाब दिया और यह आभास दिलाया कि शायद हमला जमीन के जरिए होगा। इसके पहले पाकिस्तान में किए गए रैकी ऑपरेशन में टारगेट तय किएगए और खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट को सेना को बताया गया। जिसके बाद इस पिन पॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन बेहद गुप्त रखा गया था। बताया जाता है कि हमले में शामिल पायलेट और एरिया कंमाडर के अलावा किसी को भी इस योजना के बारे में नहीं बताया गया था।