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Last Updated : रविवार, 21 फ़रवरी 2021 (20:56 IST)

पत्नी के बाद अभिषेक बनर्जी की साली को CBI ने भेजा समन, कल जांच में शामिल होने का आदेश

Abhishek Banerjee | पत्नी के बाद अभिषेक बनर्जी की साली को CBI ने भेजा समन, कल जांच में शामिल होने का आदेश
नई दिल्ली/कोलकाता। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक टीम रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के कोलकाता स्थित घर पर पहुंची और उनकी पत्नी को नोटिस थमाकर कोयला चोरी मामले की जांच में शामिल होने को कहा। इस घटनाक्रम ने चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। सीबीआई ने अभिषेक की साली को भी नोटिस थमाया और सोमवार को जांच में शामिल होने को कहा।
 
सूत्रों ने बताया कि टीम ने अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी को पश्चिम बंगाल स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) से कोयला चोरी के मामले में जांच अधिकारी, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार की ओर से जारी नोटिस थमाया। इस मामले में अनूप मांझी को कथित मास्टरमाइंड बताया जाता है।
 
रविवार को जारी नोटिस में रुजिरा से कहा गया कि वह हरीश मुखर्जी रोड स्थित अपने पते पर इसी दिन ‘मामले से संबंधित कुछ सवालों के जवाब के लिए’उपस्थित रहें। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने अभिषेक की साली मेनका गंभीर को भी दक्षिण कोलकाता स्थित उनके घर नोटिस थमाया और कहा कि वह सोमवार को जांच में शामिल हों जब उनसे जांच टीम द्वारा पूछताछ की जाएगी। सीबीआई की कार्रवाई पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे पर निशाना साधा।
 
अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया कि आज दोपहर 2 बजे, सीबीआई ने मेरी पत्नी के नाम एक नोटिस तामील किया। हमें देश के कानून पर पूरा भरोसा है। हालांकि, यदि वे सोचते हैं कि वे हमें डराने के लिए इन हथकंडों का इस्तेमाल कर सकते हैं तो वे गलत हैं। हम वे लोग नहीं हैं, जो झुक जाएं।
 
केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई पर तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोला और कहा कि ‘सीबीआई इसका एकमात्र औजार है’ जो अब उसके पास बचा है।
 
वहीं, भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह मामले का राजनीतिकरण कर रही है और कानून अपना काम करेगा। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने मामले में शुक्रवार को नए सिरे से एक और दौर के तलाशी अभियान को अंजाम दिया था।
 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने गत नवंबर में चोरी रैकेट के सरगना मांझी उर्फ लाला, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के महाप्रबंधकों-अमित कुमार धर (तत्कालीन कुनुस्तोरिया क्षेत्र और अब पांडवेश्वर क्षेत्र) तथा जयेश चंद्र राय (काजोर क्षेत्र) , ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, क्षेत्र सुरक्षा निरीक्षक, कुनुस्तोरिया, धनंजय राय और एसएसआई एवं काजोर क्षेत्र के सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
 
आरोप है कि मांझी उर्फ लाला कुनुस्तोरिया और काजोरा क्षेत्रों में ईसीएल की पट्टे पर दी गईं खदानों से कोयले के अवैध खनन और चोरी में लिप्त है। पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होना है, जहां भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को अपदस्थ करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। डायमंड हार्बर से लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी का तृणमूल कांग्रेस में खासा प्रभाव है।
 
सीबीआई ने अभिषेक के करीबी माने जाने वाले बिनय मिश्रा को भी एक अलग मामले में नोटिस थमाया है जो मवेशी तस्करी से जुड़ा है। बनर्जी की पत्नी को केंद्रीय जांच एजेंसी ने ऐसे दिन नोटिस थमाया है, जब एक दिन बाद कोलकाता की एक अदालत में बनर्जी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मामले में सुनवाई होनी है। शाह पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
 
अदालत ने शाह को सोमवार को अपने समक्ष ‘व्यक्तिगत रूप से या वकील के जरिए’पेश होने को कहा है। बनर्जी के वकील संजय बसु ने दावा किया था कि शाह ने कोलकाता में मेयो रोड पर 11 अगस्त 2018 को आयोजित एक रैली में तृणमूल सांसद के खिलाफ कुछ मानहानिकारक टिप्पणियां की थीं।
 
सीबीआई की कार्रवाई पर तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को एक बयान में कहा कि चुनाव के दौरान लोग भाजपा को उचित जवाब देंगे। इसमें कहा गया, ‘भाजपा के सभी सहयोगियों ने उसे छोड़ दिया है और अब सीबीआई तथा ईडी ही उसके एकमात्र वफादार सहयोगी हैं।’ तृणमूल कांग्रेस ने कहा, ‘‘भाजपा के पास सीबीआई ही एकमात्र सहयोगी बची है।’पार्टी ने कहा कि वह डरती नहीं है और अपनी लड़ाई जारी रखेगी। भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है।
 
भगवा दल के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यदि किसी ने कुछ गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा। जो दोषी हैं, उन्हें दंड मिलना चाहिए। किसी को भी मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। (भाषा)
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