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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 3 जनवरी 2024 (22:33 IST)

भारत में कैंसर से 9.3 लाख लोगों की मौत, अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्‍यादा मरीज

2019 में कैंसर के 12 लाख नए मामले सामने आए

भारत में कैंसर से 9.3 लाख लोगों की मौत, अमेरिका और चीन के बाद सबसे ज्‍यादा मरीज - 9.3 lakh people died due to cancer in India
  • कैंसर जन स्वास्थ्य के लिए अहम खतरा बना
  • चीन में कैंसर के सर्वाधिक 48 लाख नए मामले
  • 50 प्रतिशत से अधिक मामले तंबाकू के सेवन से
India has the highest number of cancer patients after America and China : एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत में 2019 में कैंसर के 12 लाख नए मामले सामने आए, वहीं 9.3 लाख लोगों की कैंसर से मौत हो गई। इनमें से चीन में कैंसर के सर्वाधिक 48 लाख नए मामले सामने आए और 27 लाख लोगों की मौत हुई। जापान में कैंसर के लगभग 9 लाख नए मामले सामने आए और 4.4 लाख मौतें हुईं।
 
‘द लांसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया’ पत्रिका में हाल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर के बढ़ते मामलों और इससे होने वाली मौत के मामले में एशिया में चीन और जापान भी भारत से पीछे नहीं हैं।
 
शोधकर्ताओं के अनुसार, 2019 में एशिया में कैंसर जन स्वास्थ्य के लिए अहम खतरा बना, जहां इसके 94 लाख नए मामले सामने आए और 56 लाख लोगों की मौत हो गई। इनमें से चीन में कैंसर के सर्वाधिक 48 लाख नए मामले सामने आए और 27 लाख लोगों की मौत हुई। जापान में कैंसर के लगभग 9 लाख नए मामले सामने आए और 4.4 लाख मौतें हुईं।
शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर और बठिंडा के शोधकर्ता भी शामिल थे। उन्होंने अपने अध्ययन में लिखा, हमने 1990 से 2019 के बीच एशिया के 49 देशों में 29 प्रकार के कैंसर के अस्थाई पैटर्न की जांच की।
 
शोधकर्ताओं के अनुसार, एशिया में कैंसर सबसे अधिक श्वासनली, ब्रोन्कस और फेफड़ों (टीबीएल) में पाया गया। इनके अनुमानित 13 लाख मामले सामने आए और 12 लाख लोगों की मौत हुई। पुरुषों में इन अंगों के कैंसर के अधिकतर मामले मिले।
 
शोधकर्ताओं ने बताया कि महिलाओं में खासतौर पर गर्भाश्य के कैंसर के मामले दूसरे नंबर पर और कई एशियाई देशों में शीर्ष पांच में रहे। 2006 में सामने आया ‘ह्यूमन पैपिलोमावायरस’ (एचपीवी) टीका बीमारी को रोकने और एचपीवी से संबंधित मौतों को कम करने में प्रभावी साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि धूम्रपान,शराब पीना और प्रदूषक कण कैंसर के लिए जिम्मेदार 34 कारकों में प्रमुख पाए गए। उन्होंने अपने अध्ययन में कहा, एशिया में बढ़ते परिवेशीय वायु प्रदूषण के कारण कैंसर के मामले चिंताजनक हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार भारत, बांग्लादेश और नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई देशों में खैनी, गुटखा, पान मसाले के रूप में तंबाकू का सेवन चिंता का विषय है।
 
शोधकर्ताओं के अनुसार, इनसे 2019 में दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में से भारत में 32.9 प्रतिशत मौत हुई हैं और होंठ और मुंह के कैंसर के 28.1 प्रतिशत नए मामले सामने आए। उन्होंने कहा, मुंह के कैंसर के 50 प्रतिशत से अधिक मामले तंबाकू के सेवन से जुड़े हैं। हाल के दिनों में भारत सहित दक्षिण एशिया में इसका चलन बढ़ा है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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