3 दिन में ध्वस्त होंगे 8000 घर, गुजरात में 75 बुलडोजर तैनात, 150 डंपरों का एक्शन शुरू
गुजरात के अहमदाबाद में एक बार फिर बुलडोजर गरज रहे हैं। चंदोला झील के किनारे बसाए गए मोहल्लों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। बता दें कि ये अवैध घर बांग्लादेशियों के हैं जो अवैध रूप से यहां आकर कई सालों से रह रहे हैं। प्रशासन ने इनके खिलाफ कमर कस ली है। इसके लिए बडे पैमाने पर तैयार और सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
बता दें कि आज गुजरात के अहमदाबाद के चंदोला तालाब इलाके में दूसरे चरण के तहत करीब 3 हजार अवैध मकानों को ढहाया जाएगा। पहले चरण में इलाके के लगभग 3 हजार मकानों पर बुलडोजर चलाए गए थे। अवैध मकानों पर कार्रवाई के दूसरे चरण के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। प्रशासन ने कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने के लिए 75 बुलडोजर और 150 डंपर तैनात किए हैं। साथ ही, सुरक्षा के लिए 8 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के हैं मकान : इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को अभियान के पहले चरण में लगभग 3 हजार अवैध मकानों को ध्वस्त किया गया था, जिनमें ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के थे। दूसरे चरण में भी प्रशासन ढाई हजार से ज्यादा अवैध निर्माणों को निशाना बना रहा है। बता दें कि गुजरात पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में हजारों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से बड़ी संख्या में अहमदाबाद में रह रहे बांग्लादेशी भी शामिल हैं। चंदोला लेक इलाके में चल रही इस कार्रवाई का मकसद अवैध कब्जों को हटाना और घुसपैठियों पर नकेल कसना है।
कब से ये अवैध कब्जे : बता दें कि चंदोला लेक का इलाका लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का गढ़ बना हुआ था, जहां मानव तस्करी और जाली दस्तावेजों का जाल फैला हुआ था। इस इलाके में अवैध कब्जे की शुरुआत 1970-80 के दशक में हुई, जब यहां बड़ी संख्या में प्रवासी बस्तियां बसाई गईं। 2002 में एक NGO ने इस क्षेत्र में सियासत नगर नाम से बस्ती बसाई थी। इसके बाद 2010 से 2024 के बीच चंदोला झील की जमीन पर अवैध कब्जों में तेजी आई। प्रशासन के अनुसार, इस इलाके में लोगों ने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए, जिनमें कई अवैध बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल थे।
Edited By: Navin Rangiyal