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Last Updated : सोमवार, 3 अप्रैल 2023 (14:11 IST)

कर्नाटक चुनाव : येदियुरप्पा की शरण में भाजपा, 80 साल की उम्र में बने पोस्टर बॉय

कर्नाटक चुनाव : येदियुरप्पा की शरण में भाजपा, 80 साल की उम्र में बने पोस्टर बॉय - 80 years old yediyurappa becomes poster boy for bjp in karnataka
बेंगलुरु। कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रही भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अपने खेवनहार कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा पर आश्रित नजर आर रही है। पार्टी के शीर्ष केंद्रीय नेता चाहते हैं कि चुनावी राजनीति से संन्यास की पहले ही घोषणा कर चुके 80 वर्षीय येदियुरप्पा कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव में केंद्रीय भूमिका में रहें।
 
येदियुरप्पा को कर्नाटक में भाजपा को जमीनी स्तर से खड़ा करने का श्रेय जाता है। 4 बार मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा की लोगों, खासकर प्रभावशाली लिंगायत समुदाय, के बीच व्यापक पकड़ है। अब पार्टी ‘येदियुरप्पा फैक्टर’ पर भरोसा कर रही है और उनके प्रभाव का भरपूर इस्तेमाल करते हुए उन्हें ‘पोस्टर बॉय’ के रूप में सामने रख रही है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज हाल के दिनों में अपनी जनसभाओं में येदियुरप्पा के लिए तारीफ का पुल बांधते दिखाई दे रहे हैं। 27 फरवरी को शिवमोगा की जनसभा में मोदी ने कर्नाटक में भाजपा के कद्दावर नेता येदियुरप्पा को ‘कर्मभूमि’ का ‘गौरव’ बताया था।
 
प्रधानमंत्री ने मंच पर उनका अभिनंदन किया और जनसभा में मौजूद लोगों से येदियुरप्पा के सम्मान के तौर पर अपने मोबाइल फोन का फ्लैश लाईट जलाने की अपील की। इस अपील पर लोगों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक थी। जब लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता येदियुरप्पा ने अपना भाषण समाप्त किया, तब मोदी ने खड़े होकर उनकी तारीफ की।
 
प्रधानमंत्री ने हाल में कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा द्वारा दिए गए आखिरी भाषण का भी बार-बार जिक्र किया और कहा कि यह सार्वजनिक जीवन में हर व्यक्ति के लिए ‘प्रेरणास्पद’ है।
 
अमित शाह ने भी हाल में एक जनसभा में लोगों से मोदी एवं येदियुरप्पा पर विश्वास करने तथा भाजपा के पक्ष में वोट देकर राज्य में फिर उसे सत्तारूढ़ करने की अपील की थी। इसी तरह के बयान नड्डा एवं राजनाथ सिंह भी दे चुके हैं, जो हाल ही में प्रचार के लिए आए थे।
 
कुछ राजनीतिक प्रेक्षकों एवं पार्टी के अंदरूनी स्रोतों का कहना है कि येदियुरप्पा को भाजपा द्वारा पेश करने का लक्ष्य सत्ताविरोधी लहर की धार कुंद करना, लिंगायत वोटबैंक को कायम रखना तथा विपक्षी कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करना जान पड़ता है। कांग्रेस ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं।
 
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के राजनीतिक विश्लेषक ए नारायण ने कहा कि भाजपा शुरू में येदियुरप्पा को बिना सक्रिय भूमिका में लाये चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी थी, लेकिन ‘‘स्थानीय रूप से जब भाजपा के लिए भरोसा लायक कुछ नहीं रहा तब उन्हें नये अवतार में पेश करना उसके लिए अपरिहार्यता बन गयी।’’
 
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पार्टी अपनी तरफ से यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि उसने 2021 में मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए कहकर उनका अपमान नहीं किया।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा ने येदियुरप्पा के बिना ही लिंगायत समुदाय का समर्थन जुटाने की कोशिश की, लेकिन इस बार वह इसके प्रति आश्वस्त नहीं है, यही कारण है कि वह ऐसा कर रही है। वह कुछ लिंगायत वोट गंवाने का जोखिम ले लेती, बशर्ते उसे विश्वास होता कि कुछ अन्य समुदायों से उसे समर्थन मिल जाए, लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं जान पड़ती है।(भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta