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Last Updated : सोमवार, 10 अगस्त 2020 (18:51 IST)

जम्‍मू-कश्‍मीर में 7 महीने में 154 आतंकी ढेर, 90 नए बने

जम्‍मू-कश्‍मीर में 7 महीने में 154 आतंकी ढेर, 90 नए बने - 154 terrorists killed in 7 months in Jammu and Kashmir
जम्मू। इस पर, खुशी मनाई जाए या नहीं, सुरक्षाबल फिलहाल असमंजस में हैं। उन्होंने इस साल 7 महीनों में अभी तक 154 आतंकियों को ढेर कर दिया है। लेकिन 90 और ने आतंकवाद की राह को थाम लिया है। इतना जरूर था कि इस बार 7 माह में शहीद होने वाले सैनिकों का आंकड़ा पिछले साल से बहुत कम है। वर्ष 2019 में 7 महीनों में 74 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि इस बार अभी तक 34 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।

दरअसल पिछले साल पुलवामा में 49 के करीब सैनिकों की शहादत के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जो अभियान छेड़ा वह अभी भी जबरदस्त कामयाबी की ओर बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि पिछले साल 163 और इस बार 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, औसतन प्रतिदिन मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा डेढ़ है।

मारे गए आतंकियों में कई कमांडर भी हैं। कइयों की तो पिछले 12 सालों से तलाश थी तो कई ऐसे भी थे जो 12 घंटे पहले ही आतंकवाद की राह पर चले थे, पर इस कामयाबी की खुशी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नहीं है। जिनकी चिंता का कारण लगातार आतंकवाद की राह पर युवाओं का चलते जाना है।

अभी 300 सक्रिय आंकड़े बताते हैं कि अगर 210 दिनों में 154 आतंकी मारे गए तो 90 नए आतंकी पैदा हो गए। ये स्थानीय लड़के थे जिन्हें बरगलाने में पाक परस्तों ने कामयाबी पाई थी। हालांकि पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के बकौल कश्मीर में अभी भी 300 से अधिक स्थानीय और विदेशी आतंकी सक्रिय हैं।

2018 में 288 मारे गए थे, वर्ष 2018 में 288 आतंकी मारे गए थे, जो वर्ष 2010 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा था। अधिकारी कहते हैं कि आतंकियों के विरूद्ध हल्लाबोल कार्रवाई के तहत उन्हें मार गिराने का सिलसिला और तेज किया जाएगा। इतना जरूर था कि रमजान महीने के शुरूआत में पुलिस ने एक चर्चा फैलाई थी कि वह आतंकियों के विरूद्ध अभियानों को सीमित करेगी पर उसने ऐसा करने की बजाय सूचना आधारित अभियानों की शुरूआत कर रमजान में प्रतिदिन कम से कम 2-3 आतंकियों को ढेर कर सभी को चौंका दिया।

रमजान में घर आ रहे थे आतंकी : पुलिस के मुताबिक, इस बार आतंकियों को मारने में कामयाबी इसलिए मिल पाई थी क्योंकि रमजान में अक्सर आतंकी अपने घरों की ओर दौड़ लगा रहे थे और सुरक्षाबलों ने इसी का लाभ उठाते हुए उन्हें तड़के आरंभ किए जाने वाले अभियानों में ही मार गिराना आरंभ कर दिया। जानकारी के मुताबिक, अब आतंकी अपने परिवारों से मिलने को नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें मारे जाने का खतरा पैदा हो गया है।