सोपोर की सुनंदा की जीवन यात्रा...
सुनंदा पुष्कर हमेशा-हमेशा के लिए मौत की नींद के आगोश में चली गई हैं...लेकिन अपने पीछे वे एक हसीन दास्तान छोड़ गई हैं, जो कई दिनों तक सुर्खियों में रहेगी। सुनंदा का जन्म सोपोर के एक छोटे से गांव में जून 1964 को ब्राह्मण परिवार पुष्कर नाथ के घर में हुआ। वह दो भाइयों में इकलौती बहन थी, जिसे घर में पिंकी के नाम से पुकारा जाता था। यह तब की बात है, जब सुनंदा के पिता पुष्कर नाथ के आठ भाई-बहनों का परिवार जमींदारों की श्रेणी में शुमार था। उनके पास 20 एकड़ से ज्यादा खेती थी और सेबों के भी कई बाग थे। सर्वसम्पन्न परिवार होने के बावजूद सुनंदा के पिता ने देश की सेवा करने के लिए फौज को चुना। पुष्कर नाथ 1983 में सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के ओहदे से सेवानिवृत्त हुए। जब पिता रिटायर हुए तब सुनंदा ने 12वीं कक्षा पास की थी और वे उम्र के 19वें पड़ाव पर थीं। सुनंदा ने 1984 में श्रीनगर के एक होटल में रिसेप्सनिस्ट की नौकरी से करियर की शुरुआत की। चूंकि यह होटल डल झील के पास था, लिहाजा काफी गहमा-गहमी रहती थी।रिसेप्सनिस्ट का काम करते-करते सुनंदा की महत्वकांक्षा उड़ान भरने लगी और वह सपनों की दुनिया में खो गईं। यहीं पर उसे अपना पहला प्यार दिल्ली के संजय रैना के रूप में मिला। 20 साल की हो चुकीं सुनंदा ने संजय से शादी कर ली लेकिन जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आने के पहले ही उतर गई और 21 साल की उम्र में उनका तलाक हो गया। सुनंदा को लगा कि उसे पढ़ाई करनी चाहिए लिहाजा श्रीनगर में 85 से 87 के बीच बीए किया। चूंकि काम करने का अनुभव हो चुका था, इसलिए उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला किया। दिल्ली आकर सुनंदा ने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया।
सुनंदा की सुजीत मेनन से...
सुनंदा की जिंदगी में नया मोड़ तब आया, जब उनकी मुलाकात केरल के व्यवसायी सुजीत मेनन से हुई, जिनका दुबई में कारोबार फैला हुआ था। दोनों ने शादी कर ली। सुजीत ने दुबई में मलयालम स्टार्स का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया, जो बुरी तरह फ्लॉप रहा। यही कारण रहा कि सुजीत कर्ज में फंस गए। बाद में केरल में उनकी एक दुर्घटना में मौत हो गई।पति की मौत के बाद सुनंदा कुछ समय के लिए टोरंटो चली गईं, लेकिन दुबई की रंगीनियां उन्हें फिर से बुला रही थीं। बाद में फिर से वे 1990 में दुबई आ गईं। 2005 में उन्होंने टीकॉम इंवेस्टमेंट कंपनी में बतौर सेल्स मैनेजर का पद स्वीकार किया। यही नहीं, सुनंदा मसाला डॉट कॉम के पेज थ्री पर आने लगीं। सुनंदा ने कई कंपनियों में काम किया और वे विज्ञापन, पर्यटन और रियल एस्टेट से जुड़ी रहीं। सुनंदा और इंडियन प्रीमियर लीग...
सुनंदा ने 2010 में टीकॉम इंवेस्टमेंट कंपनी छोड़ दी और वे इंडियन प्रीमियर लीग की कोच्चि टस्कर्स से जुड़ गईं। इसमें उन्हें शेयर मिले और आईपीएल में खेलने का लाइसेंस। इन सब इनामातों के पीछे थे केंद्रीय विदेश मंत्री शशि थरूर लेकिन जब विवादों का खुलासा हुआ और यह माना गया कि शशि के मार्फत ही सुनंदा के खाते में रुपयों का लेनदेन हुआ है, तब शशि की मंत्री पद की कुर्सी चली गई। आखिरकार दोनों ने 22 अगस्त 2010 को विवाह कर लिया।विवाह के बाद दोनों की हसीन जिंदगी जानदार और शानदार ढंग से चल रही थी। इसी बीच सुनंदा इलाज के लिए कुछ महीने शशि से दूर चली गईं और तभी पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के ट्वीटस ने शशि को आकर्षित किया। सुनंदा को पति-पत्नी के बीच इस 'वो' का दखल नागवार गुजरा और उन्होंने शशि के ट्विटर एकाउंट को हैक करके पत्रकार मेहर के सारे ट्वीट सार्वजनिक कर दिए।कितने हैरत की बात है कि मौत से ठीक एक दिन पहले शशि थरूर और सुनंदा यह कहते पाए जाते हैं कि हमारा वैवाहिक जीवन पहले जैसा है लेकिन मात्र 24 घंटे के भीतर सुनंदा की दिल्ली के पांच सितारा होटल लीला में संदिग्ध हालत में मौत हो जाती है...तो यह था सोपोर की सुनंदा का छोटा-सा सफर लेकिन इसका जो अंत हुआ, वह कई सवालों को जन्म दे गया। (वेबदुनिया न्यूज)