सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ आरोप तय
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आयोजन समिति के बर्खास्त अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी तथा नौ अन्य के खिलाफ अभियोग निर्धारित कर दिए। इन सभी लोगों पर आपराधिक साजिश, फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और अन्य आरोप लगाए गए हैं जिनके तहत अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद का प्रावधान है।विशेष न्यायाधीश रविन्दर कौर ने सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के इस मामले में भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग निर्धारित किए। आरोपियों में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी शामिल हैं।अभियोग निर्धारित करने के बाद अदालत ने मामले में सबूत दर्ज कराने के लिए 20 फरवरी की तारीख तय कर दी और सीबीआई से कहा कि वह सात फरवरी को अभियोजन के उन गवाहों के नामों की सूची पेश करे, जिन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाना है।सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 467 सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं जिनमें अधिकतम सजा के रूप में उम्रकैद का प्रावधान है। अदालत ने कहा, आरोप तय कर दिए गए हैं। 20 फरवरी से सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर मुकदमे में रोजाना सुनवाई होगी।अदालत ने कलमाड़ी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून की धाराओं 13(2) और 13(1डी) (लोकसेवकों द्वारा आपराधिक कदाचार) के तहत अभियोग निर्धारित किए। कलमाडी पर धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा), 471 (फर्जी दस्तावेजों को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करने) तथा धारा 506 (आपराधिक इरादा) के तहत भी मुकदमा चलेगा।इनके अतिरिक्त कलमाड़ी और अन्य आरोपियों पर भादंसं की धारा 201 (सबूतों को नष्ट करने) और धारा 511 (ऐसा अपराध करना, जिसमें उम्रकैद की सजा दी जा सकती है) के तहत भी अभियोग निर्धारित किए गए हैं। आरोपियों ने गुनाह कबूल नहीं किया और कहा कि वे मुकदमा लड़ेंगे।सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए गैरकानूनी रूप से टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम (टीएसआर) स्थापित करने के लिए स्विस कंपनी को गैरकानूनी रूप से ठेका दिए जाने के सिलसिले में आरोप पत्र दायर किया था जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।कलमाड़ी और भनोट के अतिरिक्त अन्य आरोपियों में आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वीके वर्मा, पूर्व महानिदेशक (खरीद) सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त महानिदेशक (खेल), एएसवी प्रसाद तथा पूर्व कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन शामिल हैंइन छह लोगों के अलावा, दो विनिर्माण कंपनियों के प्रमोटर, फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल के पी डी आर्या तथा ए के मदान और हैदराबाद स्थित एकेआर कंस्ट्रक्शन के एके रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं। इस मामले में स्विस टाइमिंग ओमेगा भी एक आरोपी है। एकेआर कंस्ट्रक्शन भी मामले में आरोपी है। अदालत ने आयोजन समिति के छह पूर्व अधिकारियों के खिलाफ सरकारी पद के दुरूपयोग के ठोस आरोप तय किए। ये पूर्व में लोक सेवक थे।भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत आरोपों के अतिरिक्त अदालत ने भनोट और प्रसाद के खिलाफ भादंसं की धारा 468 और 471 के तहत भी ठोस आरोप तय किए।वर्मा पर ठोस आरोपों के लिए भादंसं की धाराओं 201, 511, 468, 471 और 506 तथा भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मुकदमा चलेगा, जबकि आर्य, मदान और एके कंस्ट्रक्शन पर धोखाधड़ी के मामले में ठोस आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा।अदालत ने अपने आदेश में कहा कि स्विस टाइमिंग को ‘नामाकंन आधार’ पर चुना गया और दूसरी कंपनियों को दूर रखने के लिए फर्जी रुचि पत्र प्रकाशित किया गया तथा आग्रह प्रस्ताव को सीमित कर दिया गया।इसने यह भी कहा कि टीएसआर (टाइमिंग स्कोर रिजल्ट) प्रणाली के लिए कम खर्च पर 62 करोड़ रुपए में बोली लगाने वाली एमएसएल के नाम को आयोजन समिति ने खारिज कर दिया, पूर्व योग्यता चरण में ही धोखाधड़ी से उसे अयोग्य ठहरा दिया गया, जिससे एकल निविदा वाली स्थिति पैदा हो गई। अदालत सूत्रों के अनुसार आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत में स्विस टाइमिंग का प्रतिनिधित्व कर रहे आर्य और मदान ने कलमाड़ी के इशारे पर पुणे में 2008 में आयोजित राष्ट्रमंडल युवा खेलों के समापन समारोह में बॉलीवुड अदाकारा शिल्पा शेट्टी की एक प्रस्तुति के लिए विज क्राफ्ट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को 71.73 लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया। 21
दिसंबर 2012 को अदालत ने भादंसं तथा भ्रष्टाचार निवारण कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत कलमाड़ी तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोग निर्धारित करने का आदेश दिया था।अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा था कि उचित तरीके से समन दिए जाने के बावजूद स्विस टाइमिंग ओमेगा अदालत में पेश नहीं हो रही है इसलिए उसके मामले की सुनवाई अलग की जाती है। आरोप है कि कंपनी को अनाप शनाप कीमतों पर गैरकानूनी रूप से ठेका दिया गया।सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कलमाड़ी तथा अन्य ने स्पेनिश कंपनी एमएसएल की कहीं अधिक कम कीमत की 62 करोड़ रुपए की निविदा को नामंजूर कर दिया था और स्विस टाइमिंग ओमैगा को ठेका दिया जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील वीके शर्मा ने कहा था कि कलमाड़ी और अन्य ने कंपनी द्वारा बोली लगाने से पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों में टीएसआर प्रणाली लगाने का ठेका स्विस टाइमिंग को देने का फैसला कर लिया था।कलमाड़ी ने हालांकि अदालत में कहा था कि वह सिर्फ आयोजन समिति के अध्यक्ष के रूप में उन्हें सौंपे गए काम कर रहे थे और पूरी प्रक्रिया में उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। (भाषा)