राहुल ने सखियों को दी जिम्मेदारी
उप्र में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ कांग्रेस की ब्रांड एंबेसेडर
उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को खड़ा करने का काम पार्टी का सांगठनिक ढाँचा तो कर ही रहा है, पर राहुल गाँधी ने अमेठी की अपनी "सखियों" को भी यह अहम जिम्मेदारी थमा रखी है। स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को सखियाँ व बहन कह कर संबोधित किया जाता है और राहुल भी इन्हें सखियाँ या बहनें कहकर संबोधित करते हैं। अमेठी और रायबरेली के स्वयं सहायता समूहों में काम कर रही महिलाओं के साथ अपने संसदीय क्षेत्र की यात्राओं में कांग्रेस महासचिव राहुल के रात में मिल-बैठकर बात करने के पीछे का सच यह है कि वे इन महिलाओं को ब्रांड एंबेसेडर बनाने का पाठ पढ़ा रहे हैं, ताकि वे सूबे भर में अमेठी और रायबरेली की तस्वीर पेश कर सकें। पहले जिलों का चयन : राहुल के ब्ल्यू प्रिंट के मुताबिक सूबे की आधी आबादी के हालात बदलकर कांग्रेस को खड़ा करना ज्यादा आसान है। इसके लिए पहले उन जिलों का चयन किया गया है, जहाँ कांग्रेस के सांसद इस बार जीते हैं। इसके बाद की वरीयता में उन स्थानों को रखा गया है, जहाँ कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे।हर सहायता समूह में 20 महिलाएँ : अमेठी और रायबरेली में तकरीबन दस हजार स्वयं सहायता समूह हैं। हर समूह में बीस महिलाएँ हैं। इन्हीं के बूते पर अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का अभेद्य किला बना है। महिलाएँ राहुल के मिशन 2012 की ब्रांड एंबेसेडर भी हैं। वे प्रदेश के हर जिलों में जाकर अपना उदाहरण देकर समझाती हैं कि किस तरह उन्होंने अपने हालात बदले हैं? (नईदुनिया)