गंगा डालफिन राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित
सरकार ने सोमवार को गंगा डालफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर दिया। मयूर राष्ट्रीय पक्षी और बाघ राष्ट्रीय पशु पहले से ही घोषित हैं। लेकिन कोई जलचर अभी तक राष्ट्रीय जीव घोषित नहीं किया गया था।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहाँ हुई गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की बैठक में विलुप्त प्राय गंगा डालफिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित करने का निर्णय किया गया।केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्री जयराम रमेश ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में यह सुझाव दिया था जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। इस बैठक में बिहार सहित उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्री अथवा उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे जहाँ से गंगा हो कर बहती है।गंगा में पाई जाने वाली अनूठी डालफिन दृष्टिहीन है। इसकी आँखें ही नहीं होतीं। यह केवल अपने सूँघने की शक्ति से अपना जीवन बसर करती है। देख नहीं सकने के कारण यह अपनी जबर्दस्त प्रतिध्वनि निर्धारण (इकोलोकेशन) और सूँघने की क्षमताओं से अपना शिकार और भोजन तलाशती है और प्रकृति की इसी देन से हमलावर प्रजातियों और अन्य खतरों से अपनी रक्षा करती है।मादा गंगा डालफिन की औसत लंबाई नर डालफिन से अधिक होती है। नर डालफिन जहाँ दो से दो दशमलव दो मीटर लंबी होती है वहीं मादा डालफिन दो दशमलव चार से लेकर दो दशमलव छह मीटर तक होती है।अब तक सबसे अधिक आयु की डालफिन 28 वर्ष की पाई गई है।सिंचाई के लिए गंगा का दोहन होने से उसके जल स्तर में कमी आने, औद्योगिक और कृषि रसायनों से नदी के प्रदूषित होने से गंगा डालफिन की संख्या में तेजी से कमी आयी है और वह अब लुप्तप्राय जीवों की श्रेणी में आ गयी है। इसके अलावा मछली पकड़ने वाले जालों में फँसने से भी डालफिन को भारी क्षति पहुँची है।