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Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 19 सितम्बर 2016 (12:15 IST)

उरी हमले के बाद क्या अब होगा आतंकी शिविरों पर हमला?

Uri terrorist attack
जम्मू और कश्मीर के कश्मीर में उरी स्थित सेना के बटालियन पर हुए आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार बड़ी कार्रवाई के मुड़ में है। इसके चलते अब मौजूदा हालात में भारत की ओर से की जाने वाली कार्रवाई के विकल्पों के बारे में अटकलें तेज हो गईं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर शीघ्रता से चुनिंदा तरीके से हमला किया जाना उन विकल्पों में शामिल है जिनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने स्थिति हाथ से बाहर जाने पर परिणामों और नुकसान के खिलाफ आगाह भी किया है।
 
विशेषज्ञों ने महसूस किया कि उरी हमले को अंजाम देने वालों को कैसे, कब और कहां सजा दी जाएगी, इस बारे में देश के राजनीतिक नेतृत्व को सावधानी के साथ फैसला करना है। हालांकि जम्मू और कश्मीर मामलों को देख रहे भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि रणनीतिक संयम रखने के दिन खत्म हो गए हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि हमले के बाद 'एक दांत के लिए पूरा जबड़ा' की नीति होनी चाहिए।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है। यही नहीं भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे। सुरक्षा बलों का मानना है कि सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए।
 
एलओसी सीमा पर सेना की तैनाती करने का फैसला पाकिस्तानी सेना को भी नुकसान पहुंचाने की रणनीति है।जो लगातार जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराती रही है और उन्हें मदद करती है। विशेषज्ञों ने महसूस किया कि उरी हमले को अंजाम देने वालों को कैसे, कब और कहां सजा दी जाएगी, इस बारे में देश के राजनीतिक नेतृत्व को सावधानी के साथ फैसला करना है।
 
साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उरी आतंकी हमले को अंजाम देने वालों को सजा दी जाएगी। कुछ सेवानिवृत्त सेना जनरलों ने भी भारत की तरफ से सख्त प्रतिक्रिया का समर्थन किया है। उरी में सेना के एक कैंप पर हुए हमले पर गुस्सा जाहिर करते हुए पूर्व जनरलों ने पाकिस्तान के खिलाफ एक फौरी कार्रवाई की मांग की है। इसमें पाक सरजमीं से आतंकी हरकतों से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुला रखना भी शामिल है।
 
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक बयान में कहा कि हमले के पीछे मौजूद लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तो हमले के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ बताया है।  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है और उसे अलग थलग किया जाना चाहिए।