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हम सब एक ऐसी राख का ढेर हैं जो हवा के झौंके से कम होते जाएंगे
शनिवार,अप्रैल 1, 2023
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अमेरिका के जाने-माने शिक्षाविद और वॉल स्ट्रीट जर्नल के स्तंभकार वाल्टर रसेल मिड ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के बारे में जो कुछ लिखा उस पर पूरी दुनिया में बहस चल रही है। चूंकि भारत में 2024 लोकसभा चुनाव का माहौल बन रहा है, इसलिए इसको भी उस ...
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अगर आपकी विज्ञान में रूचि है खासकर जीव विज्ञान में, तो आपके लिए बायोटेक्नोलॉजी एक शानदार करियर फील्ड हो सकती है। इससे जुड़े हुए बैचलर या मास्टर्स कोर्स को करने के बाद आपके लिए बहुत सारे विकल्प खुल सकते हैं। इस सेक्टर में बेहद आकर्षक सैलरी भी मिलती
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Indore Temple Collapse इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर के में हुए बावड़ी हादसे में अब तक कुल मौतें तो 36 हुई हैं, लेकिन शुक्रवार को पटेल नगर से एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस नहीं, एक साथ 13 शव यात्राएं निकलीं। इन शवों के पीछे- पीछे ‘राम ...
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साल के दोनों नवरात्र के अंतिम दिन गोरक्षपीठ में कन्या पूजन की परंपरा है। पीठ के पीठाधीश्वर वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं। 30 मार्च 2023 को भी पीठ के मौजूदा पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस परंपरा का निर्वहन किया। इस अवसर ...
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देश में महंगाई से लेकर बेरोजगारी और क्लाइमेट चैंज जैसे कई जरूरी मुद्दे हैं, जिनके बारे में सरकार से लेकर विपक्ष और शेष राजनीतिक दलों को विमर्श करना चाहिए। लेकिन लूट- डकैती, अपहरण और हत्याएं करने वाले उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद पर देश का ...
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राहुल गांधी ने 26 फ़रवरी को रायपुर में हुए कांग्रेस के अखिल भारतीय अधिवेशन में बताया था कि उनके पास ख़ुद का कोई घर नहीं है। नई दिल्ली में तुग़लक़ लेन स्थित आवास भी उनका अपना नहीं है। उन्हें शायद तभी कोई आभास हो गया होगा कि आगे क्या होने वाला है!
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अखबार और पाठकों को लेकर उनमें इतनी प्रतिबद्धता थी कि एक बार अखबार में किसी शब्द पर गलत जगह बिंदु लग गई और अर्थ का अनर्थ हो गया। वहीं अखबार की सारी कॉपियां मशीन से प्रिंट होकर निकल गईं, तब उन्होंने उसे सही करवाने के लिए सभी कर्मचारियों को मार्कर पेन ...
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अभी राहुल के पास कोई पद नहीं है। अध्यक्ष पद से भी राहुल दूर हैं। हाल ही में उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा निकाली। इस यात्रा से कांग्रेस को अच्छा मोमेंटम भी मिला है। लेकिन क्या अब राहुल गांधी किंग मेकर की भूमिका में आना चाहते हैं। अगर ऐसा है तो सबसे ...
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पिछले करीब 6 महीने से अमृतपाल की गतिविधियों ने पूरे पंजाब और वहां नजर रखने वाले सभी को भयभीत कर दिया था। अमृतपाल की हरकतों को पहले ही सख्ती से रोक दिया जाता तो नौबत यहां तक नहीं आती। उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए लगाकर लुकआउट सर्कुलर जारी ...
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वरिष्ठ पत्रकार तथा तत्कालीन नईदुनिया के प्रधान संपादक रहे श्री अभय छजलानी समाचार पत्र में संकाय विकास के प्रति प्रतिबद्ध और संवेदनशील रहे। इस गुण के कारण ही अनेक पत्रकार साथी विभिन्न विषयों में रिपोर्टिंग और लेखन के प्रति पारंगत होते गए। देश-विदेश ...
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हमारी पृथ्वी पर कोई तरल पदार्थ यदि अपार मात्रा में उपलब्ध है तो वह है पानी। क़रीब तीन-चौथाई पृथ्वी पानी से ढंकी हुई है। तब भी पृथ्वी के 2 अरब निवासियों के पास साफ़-सुथरे पेयजल की सुविधा नहीं है। पृथ्वी को ढंकने वाले सागरों-महासागरों का अपार पानी ...
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अभयजी खुद कम से कम लिखते थे, लेकिन नए बंदों से ज्यादा से ज्यादा लिखवाते थे। एक जमाने में उनका साप्ताहिक कॉलम गुजरता कारवां पढ़ने के लिए लोग अखबार संबंधित पन्ने ही खोलते थे। पेज बनवाते समय शीर्षक में से एकाध शब्द को इधर-उधर करवाकर हेडिंग को वे ऐसा कस ...
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हमने हमेशा यह अनुभव किया कि पद्मश्री अभय छजलानी जी का मतलब है नईदुनिया! वे सदैव नईदुनिया का पर्याय थे, हैं और रहेंगे।नईदुनिया याने एक सुसंस्कृत, सुसंस्कारित, सत्य का अन्वेषक, मूल्याधारित और शिक्षित करने वाला समाचार पत्र। और नईदुनिया के अपने पूर्वजों ...
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लगता था अभयजी बहुत मितभाषी हैं लेकिन जब वे आपके हुनर से वाक़िफ़ हो जाते तो लगता कि उनसे बेहतर बतियाने वाला व्यक्ति शहर में दूसरा नहीं हो सकता। आप कोई भी विषय ले लीजिए, वे ज्ञान के समंदर नज़र आते थे। यदि वे किसी विषय के बारे में नहीं जानते तो उसके ...
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ये चेहरा है नईदुनिया की दूसरी पीढ़ी अभय छजलानी जी का. एक सादा सा बुशर्ट और पतलून. पैरों में चप्पल. इस चेहरे पर अपने होने का कोई अतिरेक नहीं है. अपने होने का कोई दबाव नहीं है, वो चेहरा बस है, जैसा उसे होना चाहिए. इस चेहरे पर कोई संपादक नहीं है. कोई ...
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गणगौर माता के दरबार में हाजिरी देने के समय उखाणे / उखाने बोले जाते हैं। पूजा करने वाली महिलाएं एक-एक करके माता के सामने अपने पल्लू के कोने को कलश के पानी में डुबो कर माता जी के मुख को छुआती हुई इन उखाणे का उच्चारण करतीं हैं जिनमें उनके पति का नाम ...
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इंदौर में पत्रकारिता, खेल और कला-संस्कृति में अभिरुचि का एक और स्तंभ ढह गया। इंदौर की पत्रकारिता को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई ऊँचाई पर पहुँचाने वाले पद्मश्री और कई पुरस्कारों से सम्मानित अभय छजलानी जी नहीं रहे। उनका जाना एक युग का अवसान है। वे काफी ...
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अ से अभिव्यक्ति की आजादी कहें या कहें अ से अदम्य पराक्रम (इच्छाशक्ति)... अ से उनके अद्भुत संपादकीय याद आ जाते हैं और अ से ही असरदार कलम का जादू... अ से उनकी ओजस्वी वाणी को नमन करें या अ से उनके अजातशत्रु व्यक्तित्व का गुणगान करें.... अहंकार से कोसों ...
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इंदौर को देश के नागरिक और अप्रवासी भारतीय अलग-अलग शक्लों में जानते हैं पर मालवा का यह खूबसूरत शहर अपनी धुरी पर एक-सा ही है, सिर्फ़ तस्वीरें अलग-अलग हैं। आज की दुनिया के ज़्यादातर लोगों के लिए इंदौर की पहचान भारत के सबसे स्वच्छ शहर के तौर पर स्थापित ...
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