बाबा रामदेव- योगगुरु बनाम बिजनेस गुरु
प्रीति सोनी
देश में मैगी पर पाबंदी क्या लगी, अन्य नूडल्स उपभोक्ताओं के पौ बारह हो गए ... क्योंकि मैगी के रहते तो बाकी कंपनियां अपनी वह जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाई जो मैगी ने बनाई थी। इसी का फायदा उठाते हुए बाबा रामदेव ने भी देर न करते हुए तुरंत मीडिया को बुलाकर ये ऐलान कर दिया, कि अब हम हैं, भारत के बाजार में नूडल्स परोसने वाले, वह भी देशी अंदाज में।
उन्होंने बाकायदा अपने नए उत्पाद पतंजलि मैगी में हानिकारक पदार्थों के नहीं होने की पुष्टि करते हुए उसके फायदे गिनाते हुए प्री मार्केटिंग भी कर दी।
कुछ भी कहो बाबा रामदेव ने मौके पर चौका मारा है... वे अच्छी तरह से जानते हैं, कि जिस तरह पतंजलि उत्पादों ने भारत के बाजारों में अपनी जगह बनाई है, उसे देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा सकता है, कि लोगों में कहीं न कहीं उन उत्पादों के प्रति विश्वसनीयता जरूर कायम है। और हाल के मैगी कांड के बाद तो देश की जनता विदेशी उत्पादों को अपनाने में 10 बार सोचेगी, जिससे उसी विश्वसनीयता का दुगुना फायदा ऐसे मौके पर बाबा रामदेव को मिल सकता है।
मैगी को पसंद करने वाले एक बड़े वर्ग को अब मैगी के किसी सप्लीमेंट की तलाश होगी ... और इसी बात को ध्यान में रखते हुए रामदेव ने बगैर समय गंवाए मैगी के रिप्लेसमेंट के तौर पर खुद को अभी से फिट करने की तैयारियां शुरू कर दी है।
अब ऐसे में मैगी का 50 प्रतिशत बाजार भी अगर बाबा रामदेव को मिल गया, तो समझ लिजिए कि बाबाजी का ये बिजनेस भी चल पड़ेगा। यानि बैठे बैठाए बगैर अत्यधिक प्रयासों के मैगी वाले बाबा के लिए रेडी- टू- ईट खाद्य पदार्थों की तरह ही रेडीमेड ग्राहक भी तैयार हो गए ... तो अब से योगगुरु बाबा रामदेव, बगैर एमबीए के ही अच्छे खासे बिजनेस गुरु भी हो गए हैं। और जल्द ही उन्हें अगर मैगी बाबा भी कहा जाने लगे ... तो चौंकिएगा मत।