Chaturthi January 2025: संकटा चौथ के दिन यानि माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश को तिल के लड्डू, मोदक आदि भोग लगाकर पूजा जाती है। मान्यता है कि भगवान गणेश सभी विघ्नों को दूर करते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं यहां संकष्टी/तिल संकटा चौथ के बारे में...
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तिल का धार्मिक और पौराणिक महत्व : कई धार्मिक ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि तिल को बहुत पवित्र माना जाता है। तथा तिल में कई औषधीय गुण होते हैं। जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आपको बता दें कि भगवान श्री गणेश को तिल बहुत प्रिय है। इसलिए संकटा चौथ के दिन तिल के बने व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
संकटा चौथ का महत्व : संकटा चौथ का त्योहार भगवान गणेश की पूजा और तिल के महत्व को दर्शाता है। इस दिन गणेश जी को तिल के लड्डू, मोदक आदि भोग लगाकर पूजा की जाती है। संकटा चौथ का व्रत माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और घर में सुख-शांति आती है। यह त्योहार परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाया जाता है।
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संकटा चौथ में कौनसे भोग लगाए जाते हैं?
1. संकटा चौथ का सबसे लोकप्रिय भोग तिल के लड्डू है और इसे गुड़ और घी के साथ बनाया जाता है।
2. इसके अलावा मोदक भी भगवान गणेश का प्रिय भोग है, इसे चावल के आटे, नारियल और गुड़ से बनाया जाता है।
3. साथ ही फल जैसे- केला, सेब, अंगूर आदि भी भगवान गणेश को अर्पित किए जाते हैं। तथा मिठाइयों में बर्फी, पेड़ा आदि भोग में शामिल कर सकती हैं। भगवान गणेश को दूध को भी अर्पित किया जाता है।
भोग लगाने की विधि :
* सबसे पहले भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को स्नान कराकर साफ कपड़े से पोंछ लें।
* फिर उन्हें सिंदूर, रोली और चंदन लगाएं।
* इसके बाद उन्हें पुष्प माला पहनाएं और धूप-दीप दिखाएं।
* फिर तिल के लड्डू, मोदक और अन्य भोग भगवान गणेश को अर्पित करें।
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