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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 8 जनवरी 2025 (09:41 IST)

हर विघ्न हर लेंगे भगवान श्री गणेश, जानें कैसे करें चमत्कारी सिद्ध गणेश यंत्र साधना

हर विघ्न हर लेंगे भगवान श्री गणेश, जानें कैसे करें चमत्कारी सिद्ध गणेश यंत्र साधना - ganesh aradhana mantra
Ganesha puja mantra: वैसे तो श्री गणेश की आराधना प्रतिदिन की जाती हैं, लेकिन उनके कुछ खास दिवस जैसे बुधवार और चतुर्थी तिथि पर श्री गणपति को प्रसन्न करके उनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश के मंत्र और यंत्र दोनों ही अत्यंत चमत्कारी माने गए हैं। विशेषकर जहां गणेश यंत्र मानव के समस्त कार्यों को सिद्ध करता है। वहीं इस यंत्र साधना द्वारा गणेश भगवान की कृपा भी शीघ्र प्राप्त होती है और मनुष्य पूर्ण लाभान्वित होता है।ALSO READ: मकर संक्रांति 2025: पतंग उड़ाने से पहले जान लें ये 18 सावधानियां
 
Highlights
  • गणपति आराधना से चमकेगी किस्मत।
  • गणेश आराधना के लिए मंत्र पूजन विधि।
  • भगवान गणेश को भोग लगाएं।
यदि आप भी निम्न वर्णित विधि अनुसार श्री गणेश यंत्र को किसी भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति‍थि को शुभ मुहूर्त में शास्त्रोक्त विधान से ताम्रपत्र पर निर्माण करा लें। ध्यान रखें कि यंत्र को खुदवाना नि‍षेध है। तथा यंत्र साथ कुम्हार के चाक की मृण्मय गणेश प्रतिमा, जो उसी दिन बनाई गई हो, स्थापित करें। 
 
यदि आप भी जीवन में परेशानियों से घिरे हैं तो आइए इस गणेश यंत्र के द्वारा अपने समस्त कष्टों और परेशानियों दूर करें।  
 
इस यं‍त्र साधना को 4 भागों में बांटा गया है-
 
1. दारिद्रय का नाश, व्यापार में उन्नति, आर्थिक लाभ 
2. संतान प्राप्ति 
3. विद्या, ज्ञान, बुद्धि की प्राप्ति
4. कल्याण, मनोकामना पूर्ति
 
और उपरोक्त सभी चारों कार्यों की सिद्धि के लिए एक ही मंत्र है-
 
'ॐ गं गणपतये नम:'
 
किन्तु इसकी जप संख्या और विधि भिन्न है।
 
1. प्रथम कार्य की सिद्धि के लिए सायंकाल,
 
2. दूसरे कार्य के लिए मध्याह्न काल,
 
3. तीसरे और 4. चौथे कार्य के लिए प्रात: के समय कंबल के आसन पर पीले रंग के वस्त्र धारण करके पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके यं‍त्र के सम्मुख बैठें। और रुद्राक्ष की माला से प्रतिदिन 31 माला का जाप यंत्र एवं प्रतिमा का पंचोपचार पीत यानि पीले द्रव्यों से पूजन 31 दिन तक करें। तत्पश्चात दयांश हवन, तर्पण, मार्जन करके 5 बटुक ब्राह्मण भोजन कराएं। यह कार्य अनुष्ठान पद्धति से होना चाहिए। मंत्र जाप करते समय 5 घी के दीपक एवं 5 बेसन के लड्डुओं का नैवेद्य अर्पण करना अनिवार्य है। 
 
आपको बता दें कि एक यंत्र और एक प्रतिमा एक ही कार्य के निमित्त एक ही प्रयुक्त होते हैं। बाद में उन्हें किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर देना चाहिए। यह सिद्ध यंत्र तत्काल फल प्रदान करने वाला तथा अत्यंत चमत्कारी है। अत: इस श्री गणेश यंत्र आराधना से आप अपनी जीवन की सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैं। 

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