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संस्कृत दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है?
गुरुवार,अगस्त 31, 2023
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संजय द्विवेदी वह नाम है, जिसे हर कोई चुनौती देता है, मगर वह आग की भट्टी से जलकर कोयला नहीं, बल्कि तपकर सोना बनकर निकलते हैं। इनके तमाम परम मित्र इनकी योग्यता और नियुक्तियों को कोर्ट में जाकर चुनौती देते हैं और फिर कोर्ट की ‘मुहर’ लगने के बाद ही ...
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धूप का छोर : जैसे सुहानी भोर, जैसे बीता हुआ वह दौर
रचनाकार एवं कवि सीमा पांडे मिश्रा “सुशी” द्वारा रचित पुस्तक “धूप का छोर” लगभग 500 दोहों का ऐसा सुंदर संसार है जिसका भाव-वैविध्य शब्द के उद्दाम सागर के आवेगमयी प्रवाह को बांध लेने वाली कुशल लेखिका ...
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भारतीय संस्कृति में कहा जाता है, 'नयति इति नायक:', अर्थात् जो हमें आगे ले जाए, वही नायक है। आगे लेकर जाना ही नेतृत्व की वास्तविक परिभाषा है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार वर्ष 2021 में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ...
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खास बात है कि इंदौर जैसे बड़े और आधुनिक शहर के नजदीक होने के बावजूद महू पर इंदौर की कोई छाप नजर नहीं आती। महू का अपना ही एक अलग रंग है, अपनी ही एक अलग तासीर है, जहां का हर बाशिंदा अपने इस छोटे से टाउन की आबोहवा, कला-संस्कृति और परंपरा पर गौरान्वित ...
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पंकज सुबीर की क़िस्सागोई तो हर उपन्यास, हर कहानी में कमाल की होती है। इस उपन्यास में भी कहन शैली पाठक को बाँधे रखती है। कहन के साथ-साथ चित्रात्मक विवरण का उत्तम प्रयोग हुआ है, उसी का कमाल है कि एनाटॅमी जैसे शुष्क विषय को मनोभावों की चाशनी में ऐसा ...
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पंकज सुबीर के उपन्यास ‘रुदादे सफ़र’ की इस उक्ति की व्याख्या के लिए कितनी किताबें संभवतः भरी जा सकती हैं यह अनुमान तक लगाना कठिन है। अपने इस नए उपन्यास में पंकज सुबीर ने अपने पुराने उपन्यासों के सुचिंतित सामाजिक विषयों से इतर भावनात्मक स्तर पर मानव ...
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रोंगटे खड़े कर देने वाले इन अजीब दास्तानों को पढ़कर आप चीख पड़ेंगे लेकिन आपके मुख से आवाज़ नहीं निकलेगी। ऐसी चीखें तभी निकलती हैं, जब मानवीयता शर्मसार होती है। जब हमें अपने मनुष्य होने पर धिक्कार होता है कि मानव जाति भी ऐसी नृशंस हो सकती है जिसकी कल्पना ...
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इस दोहा-संग्रह में लेकिन नारी को ही नहीं, दुनिया के यथार्थ और उसकी विद्रूपताओं को भी इतनी बारीकी से पकड़ा गया है : चित्र मिले अखबार को, वादों को बाज़ार। ओलों से चौपट फसल, बढ़ा गई व्यापार। या न्याय भले ही न मिले मिले धैर्य को मान/ तीस बरस तारीख पर आता ...
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अनिरुद्ध जोशी के काव्य संकलन ‘धारोष्ण’ को पढ़ते हुए अनुभूति होती है कि इन्हें बरबस नहीं लिखा गया। न ही इनमें इन दिनों की कविताओं में आने वाली खामखां की कोई रूमानियत ही है। यह अनिरुद्ध जोशी के आंतरिक विषय की यात्रा है, जो समय के साथ दर्ज होती गई। ...
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वंदना पाण्डेय मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग में उप संचालक के पद पर सेवाएं दे रहीं हैं, जाहिर है उनका ज्यादातर वक्त सरकारी दफ्तर में ही गुजरता होगा, लेकिन उनका मन कविताओं के साथ हिलोरे खाता है। वो कविताओं में कितना रचीं बसीं हैं, यह उनका ...
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neelam rakesh book review : नीलम राकेश देश की एक जानी-मानी बाल साहित्यकार हैं। उनकी रचनाएं देश की बाल पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहतीं हैं। कई सम्मानों से सम्मानित आपकी 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं। जिसमें एक लघु कथा संग्रह भी है। आपकी एक बाल ...
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नवीन रांगियाल एक युवा पत्रकार, कवि, लेखक, संपादक, संगीत विज्ञ और भी बहुत कुछ हैं। आपका कविता संग्रह ’इंतज़ार में ’आ’ की मात्रा’ मेरी डेस्क पर है। कविताओं को तीन खंडों में सजाया गया है। खंड 1 ’प्रेम’, खंड 2 ’मृत्यु’ और अंतिम खंड 3 ’दुनिया’। मुझे लगता ...
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1981 के आसपास लिखी गई इस किताब में एक संक्रमण का जिक्र है और इसे वुहान 400 का ही नाम दिया गया है। यानी आज से करीब 40 साल पहले उस वायरस के बारे में लिए किताब में जिक्र कर दिया गया था। एक अमेरिकी की यह कृति शुरु तो एक ऐसी मां से होती है जो अपने बच्चे ...
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पुस्तक समीक्षा, क्रांतिदूत, मित्रमेला, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महान क्रांतिकारी, विनायक दामोदर सावरकर, स्वतंत्रता संग्राम, विविध पात्रों का लेखन, स्वतंत्रता संग्राम की घटनाएं, सन् सत्तावन की तलवार, वीर सावरकर की जीवन कथा
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संजय द्विवेदी ने अब तक 26 महत्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन और संपादन किया है। आप वर्तमान में भारतीय जनसंचार स्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक हैं। ‘भारत बोध का नया समय’ प्रो. संजय द्विवेदी की ऐसी पुस्तक है जो भारत के स्वर्णिम अतीत की गौरवशाली परंपरा और ...
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आज के दौर में सूचना का विस्फोट हो चुका है। दुनिया के किसी कोने में यदि कुछ घटा, तो वह समाचार वैश्विक रूप ले लेता है। यह ताकत मीडिया की है। कभी पत्रकारिता लोग शौकिया किया करते थे। लेकिन इसकी ताकत का असर हुआ कि यह एक कॉरपोरेट दुनिया में बदल गया। ...
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गागर मे सागर भरना या थोड़े में बहुत कुछ कह जाना, जो मन- मस्तिष्क पर छा जाए। जी हां, मैं बात कर रहा हूं एक ऐसे ही लघुकथा संग्रह की, जिसका नाम है 'संवेदनाओं का आचमन'। ऐसा संग्रह जिसमें हमारे आसपास का परिवेश, विषयों की विविधता, भाव सम्पदा को शब्दों में ...
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पीएम मोदी पर लिखी गई इस किताब का इंदौर में विमोचन होने जा रहा है। इस किताब में पीएम मोदी की एक मुख्यमंत्री और एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी सफलता को दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि उनकी सफलता की कहानी को देश के नामचीन लोगों ने कलमबद्ध किया है।
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जायसी वर्तमान उत्तरप्रदेश के अमेठी जिले के जायस नगर के रहने वाले थे। पद्मावत अवधी का महाकाव्य है, जो भारत के इतिहास के एक ऐसे पन्ने को छूता है, जिसकी लोक व्याप्ति के संवेदनशील कारण हैं। यह पन्ना 14 वीं सदी के आरंभ में चित्तौड़गढ़ का है। सन् 1303 में ...
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